22 महीने के निचले स्तर पर आई थोक महंगाई दर, मई महीने में रही 2.45 फीसदी
नई दिल्ली। मई के महीने में थोक महंगाई दर में नरमी आई है। महंगाई दर मई के महीने में 2.45 फीसदी रही है जबकि अप्रैल के महीने में ये दर 3.07 फीसदी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, थोक महंगाई दर 22 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। अप्रैल में खाद्य पदार्थों के महंगे होने के बावजूद विनिर्माण वस्तुओं और ईंधन की कीमतों में नरमी से थोक मुद्रास्फीति गिरकर 3.07 प्रतिशत पर आ गई है।
मई में सब्जियों की थोक महंगाई दर घटकर 33.15 फीसदी पर आ गई है, जो अप्रैल में 40.65 फीसदी थी। जबकि आलू का थोक महंगाई दर शून्य से 23.36 फीसदी नीचे रही, जो अप्रैल में (-) 17.15 फीसदी थे। फ्यूल एंड पावर कैटेगरी में थोक महंगाई दर अप्रैल के 3.84 फीसदी से घटकर मई में 0.98 फीसदी पर आ गई है।
इसके पहले, खुदरा महंगाई दर के भी आंकड़ें आए थे, जिनके मुताबिक, मई महीने में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर सात महीने के उच्चतम स्तर 3.05 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी। हालांकि, ये केंद्रीय बैंक के लक्ष्य के दायरे में हैं जिससे आरबीआई के पास मांग में तेजी लाने और औद्योगिक उत्पादन को गति देने में मदद के लिए नीतिगत ब्याज दर में और कटौती की गुंजाइश है। औद्योगिक उत्पादन वृद्धि इस साल अप्रैल में 3.40 प्रतिशत रही थी। ये औद्योगिक वृद्धि का छह माह का उच्चतम स्तर है।
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मई में खुदरा महंगाई दर बढ़ी थी
सरकार की ओर से जारी नए आकड़ों के अनुसार मई में खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़कर 3.05 प्रतिशत हो गई है। जबकि अप्रैल में यह दर 2.99 प्रतिशत थी। बता दें कि अक्टूबर 2018 के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिला था जबकि खुदरा मुद्रास्फीति दर 3.38 प्रतिशत पर पहुंच गया था। लेकिन अब ये एक बार फिर 3 प्रतिशत के उपर पहुंच गया है। बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में खाद्य पदार्थों की महंगाई 1.1 फीसदी से बढ़कर 1.83 फीसदी पर रही है।
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