आखिर क्या है साइरस मिस्त्री-टाटा समूह का विवाद, जानिए पूरी कहानी
नई दिल्ली। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का आज सड़क हादसे में निधन हो गया। सायरस मिस्त्री उस वक्त सबसे अधिक चर्चा में आए थे जब टाटा समूह के साथ उनका विवाद हुआ था। टाटा समूह में उस वक्त बड़ी उथल-पुथल मच गई थी जब कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन साइरस मिस्त्री को उनके पद से हटा दिया गया था। दरअसल साइरस मिस्त्री ने कंपनी भीतर कॉरपोरेट गवर्नेंस के कमजोर होने की बात भी कही थी। यही नहीं उन्होंने टाटा संस के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (एनसीएलएटी) में शिकायत की और कंपनी के बोर्ड पर कुप्रबंधन और उत्पीड़न का आरोप लगाया था। लेकिन इस पूरे मामले में आज बड़ा मोड़ आ गया जब तीन साल पहले टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री को एनसीएलएटी ने बड़ी राहत देते हुए कहा कि साइरस मिस्त्री को पद से हटाया जाना अवैध था। यही नहीं एनसीएलएटी ने एन चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन बनाने के फैसले को भी अवैध करार दिया।
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क्या है टाइमलाइन
24
अक्टूबर
2016:
साइरस
मिस्त्री
को
चेयरमैन
के
पद
से
हटा
दिया
गया
25
अक्टूबर
2016:
साइरस
मिस्त्री
ने
टाटा
कंपनी
पर
अनियमितता
का
आरोप
लगाया
5
नवंबर
2016:
टाटा
की
कंपनियों
ने
मिस्त्री
को
चेयरमैन
के
पद
से
हटाने
के
लिए
ईजीएम
की
बैठक
करनी
शुरू
कर
दी।
19
दिसंबर
2016:
साइरस
मिस्त्री
ने
टाटा
ग्रुप
की
सभी
कंपनियों
के
डायरेक्टर
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया।
20
दिसंबर
2016:
साइरस
मिस्त्री
की
ओर
से
एनसीएलटी
में
केस
दायर
किया
गया।
6
फरवरी
2016:
साइरस
मिस्त्री
को
टाटा
संस
के
डायरेक्टर
के
पद
से
हटाया
गया।
18
दिसंबर
2019:
साइरस
मिस्त्री
को
एनसीएलटी
ने
दी
राहत
मिस्त्री पर आरोप
दरअसल साइरस मिस्त्री पर आरोप लगा था कि उवह टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। टाटा समूह के मुताबिक, पी साइरस मिस्त्री ने टाटा के भरोसे का दुरुपयोग किया और इसका नाजायज फायदा उठाया। वह टाटा ग्रुप की सभी बड़ी फर्मों को अपने कंट्रोल में लेना चाहते थे। इस बारे में टाटा ग्रुप ने प्रेस रिलीज जारी करके कहा था कि मिस्त्री ने पूरी प्लैनिंग के साथ बोर्ड के अन्य मेंबर्स को बाहर किया। चार वर्षों में टाटा समूह का एकमात्र प्रतिनिधि बनने के लिए मिस्त्री ने पूरी ताकत झोंक दी। उन्होंने इसके लिए रणनीति बनाई और उसी को अमल में लाया। टाटा संस ने कहा,'मिस्त्री के नेतृत्व में, टाटा समूह के 100 साल पुराने ढांचे को नुकसान पहुंचा है। इसकी फर्में, प्रमोटर्स अैर शेयरहोल्डर्स से दूर भाग रही हैं। इशहात हुसैन को टीसीएस का अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया गया है।' टाटा समूह ने एक असाधारण आम बैठक कर पी सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाया था।
मिस्त्री ने कंपनी पर लगाए आरोप
वहीं अपने उपर लगे आरोपों पर साइरस मिस्त्री ने कहा था कि टाटा संस के निदेशक विजय सिंह ने अगुस्टा वेस्टलैंड घोटाले में अहम भूमिका निभाई। टाटा संस के निदेशक विजय सिंह भी अगस्ता वेस्टलैंड डील घोटाले में शामिल है। उसकी भूमिका की जांच होनी चाहिए। यही नहीं मिस्त्री ने टीसीएस को लेकर अपने उपर लगे आरोपों पर कहा था कि टीसीएस और जेएलआर में उनकी तरफ से कोई योगदान न किए जाने की सारी खबरें गलत हैं। टीसीएस की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रबंधन के साथ करीब 60 ग्लोबल सीईओ के साथ मिले थे। उनके प्रयासों से टीसीएस ने स्पेशल डिविडेंड दिया था। अमेरिका और यूरोप में टीसीएस कस्टमर समिट में भी हिस्सा लिया था।
रतन टाटा पर भी साधा था निशाना
मिस्त्री ने रतन टाटा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि एक बार वह आईबीएम का टीसीएस को खरीदने का प्रस्ताव लेकर जेआरडी टाटा से मिले थे। उस दौरान टीसीएस प्रमुख एफसी कोहली बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे, इसलिए जेआरडी टाटा ने आईबीएम की डील के बारे में बात करने से मना कर दिया था। जब एफसी कोहली को अस्पताल से छुट्टी मिल गई तो उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया था कि टीसीएस अच्छा काम कर रही है और भविष्य में भी अच्छा काम करेगी और इसे बेचने की कोई जरूरत नहीं है। इसके बाद जेआरडी ने आईबीएम का प्रस्ताव ठुकरा दिया और टीसीएस रतन टाटा के हाथों बिकते-बिकते बची। हालांकि इन तमाम आरोपों को रतन टाटा ने सिरे से खारिज कर दिया था।