RBI ने कार्ड टोकेनाइजेशन की डेडलाइन बढ़ाकर 30 जून 2022 की, जानें इसके बाद कितना बदल जाएगा ऑनलाइन पेमेंट
नई दिल्ली, 24 दिसंबर। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ऑनलाइन पेमेंट में बड़ा बदलाव करते हुए कार्ड टोकेनाइजेशन सिस्टम को लागू करने का फैसला किया। हालांकि आरबीआई ने अब इसकी डेडलाइन को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है। या्नी अब 1 जनवरी 2022 के बजाए ये 30 जून 2022 से ये लागू होगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कार्ड टोकेनाइजेशन सिस्टम को 30 जून 2022 से लागू करने का फैसला किया है।
RBI ने बढ़ाई डेडलाइन
आरबीआई ने अपने सर्कुलर में सभी पेमेंट सिस्टम ऑपरेटरों को इस बारे में जानकारी देते हुए निर्देश दिया है और कार्ड ऑन फाइन डेटा स्टोरेज की डेडलाइन को 6 महीने के लिए बढ़ाकर 30 जून 2022 कर दिया है। कार्ड टोकेनाइजेशन लागू होने के बाद ऑनलाइन पेमेंट का तरीका बदल जाएगा। आइए आपको बता दें कि ये कार्ड टोकेनाइजेशन होता क्या है और कैसे इसके बाद पेमेंट का तरीका बदल जाएगा?
कार्ड टोकेनाइजेशन सिस्टम
कार्ड टोकेनाइजेशन सिस्टम कार्ड पेमेंट को और अधिक सुरक्षित बनाने का तरीका है। ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए ही आरबीआई ने इसे लागू करने का फैसला किया है। इस नियम के लागू होने के बाद आपको कार्ड पेमेंट के तरीके में बदलाव आ जाएगा। कार्ड टोकेनाइजेशन सिस्टम लागू होने के बाद क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट के दौरान थर्ड पार्टी ऐप से पूरी डिटेल शेयर नहीं करनी पड़ेगी। टोकेनाइजेशन सिस्टम लागू होने के बाद डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल अब आपको ऑनलाइन पेमेंट के दौरान शेयर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ऑनलाइन मर्चेंट अपने प्लेटफॉर्म पर कार्ड डिटेल नहीं होगी सेव
कार्ड टोकेनाइजेशन सिस्टम लागू होने के बाद अब यूजर्स को ऑनलाइन पेमेंट के दौरान अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल मर्चेंट की वेबसाइट या ऐप पर सेव करने की जरूरत नहीं होगी या यूं कहें कि अब आपके कार्ड की डिटेल शॉपिंग वेबसाइट या ऐप या किसी भी मर्चेंट की वेबसाइट पर स्टोर नहीं रहेगा। आपको शॉपिंग या पेमेंट के दौरान हर बार अपने कार्ड की पूरी डिटेल यानि 16 अंकों का कार्ड नंबर, नाम, कार्ड की वैधता, पिन नंबर हर बार डालनी होगी। वहीं कार्ड डिटेल के बजाए हरेक कार्ड के लिए एक टोकन नंबर देना होगा। आपको बता दें कि देश में करीब 98.5 करोड़ कार्ड यूजर्स हैं जो 4000 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन करते हैं।
कार्ड पेमेंट होगा औहर सुरक्षित
आपको
बता
दें
कि
वर्तमान
में
आप
जब
ऑनलाइन
शॉपिंग
करते
हैं
या
ऑनलाइन
पेमेंट
करते
हैं
तो
आपके
कार्ड
की
डिटेल
मर्चेंट
की
वेबसाइट
और
ऐप
के
सर्वर
पर
सेव
हो
जाता
है।
ऐसे
में
कई
बार
ऑनलाइन
फ्रॉड
का
शिकार
होना
पड़ता
है।
इसे
कम
करने
के
लिए
आरबीआई
ने
टोकेनाइजेशन
सिस्टम
शुरूी
करने
का
फैसला
किया
है,
हालांकि
इंडस्ट्री
बॉडी
कंफेडरेशन
ऑफ
इंडियन
इंडस्ट्री
का
कहना
है
कि
टोकन
नंबर
जारी
करने
के
नए
सिस्टम
से
ऑनलाइन
मर्चेंट
को
20-40
फीसदी
रेवेन्यू
का
नुकसान
हो
सकता
है।
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