जानिए क्या है ई-सिगरेट, कितना खतरनाक, सरकार ने क्यों लगाया बैन
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नई दिल्ली। मोदी सरकार एक के बाद एक कर बड़े फैसले ले रही है। बुधवार को मोदी सरकार ने एक और ब ड़ा फैसला लेते हुए ई-सिगरेट पर पूरी तरह के बैन लगा दिया। केंद्रीय कैबिनेट ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंद्ध लगा दिया है। वहीं बैन के बावजूद इसके इस्तेमाल पर भारी जुर्माना और जेल की सजा तय की गई है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक ने ई सिगरेट (E-Cigarette) पर बैन लगाने का फैसला किया है। इस बैन के बाद अब ई-सिगरेट के इंपोर्ट, प्रोडक्शन और बिक्री पर रोक लगा दी गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ई-सिगरेट की वजह से लोगों के स्वास्थ पर पड़ रहे बुरे प्रभाव को देखते हुए सरकार ने इसे बैन किया है। सरकार ने ई-सिगरेट रखना भी कानूनन अपराध घोषित कर दिया है।
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क्या होती है ई-सिगरेट
मोदी
सरकार
ने
बड़ा
फैसला
लेते
हुए
ई
सिगरेट
पर
बैन
लगा
दिया।
कई
लोगों
को
पता
ही
नहीं
है
कि
आखिर
ये
ई-सिगरेट
होता
क्या
है।
ई-सिगरेट
या
इलेक्ट्रॉनिक
सिगरेट
एक
प्रकार
का
सिगरेट
है,
जिसमें
तंबाकू
को
सीधे
तौर
पर
नहीं
जलाया
जाता
बल्कि
इसमें
निकोटीन
लिक्विड
के
तौर
पर
मौजूद
रहता
है।
इसमें
इलेक्ट्रिक
फिलामेंट
को
जलाकर
लिक्विड
निकोटीन
को
वेपराइज
किया
जाता
है,
जिसे
लोग
इनहेल
करते
हैं।
आपको
बता
दें
कि
ई-सिगरेट
को
बाजार
में
ये
कहकर
उतारा
गया
था
कि
इससे
पारंपरिक
सिगरेट
से
कम
खतरा
होता
है
और
ये
लोगों
को
सिगरेट
छोड़ने
में
मदद
करता
है।
यह
भी
कहा
गया
कि
ई-सिगरेट
पारंपरिक
सिगरेट
से
95
फीसदी
तक
कम
हानिकारक
होता
है।
भारत
में
यहीं
कहकर
इसे
बाजार
में
उतारा
गया,
लेकिन
इसे
यहां
लाइसेंस
नहीं
मिला।
कितना खतरनाक है ई-सिगरेट
भारत
में
जब
ई-सिगरेट
को
उताया
गया
तो
लोगों
ने
दावा
किया
कि
यह
तंबाकू
वाले
सिगरेट
से
कम
खतरनाक
है।
सामान्य
सिगरेट
में
70
से
ज्य़ादा
तत्व
ऐसे
होते
हैं,
जिन्हें
कैंसर
पैदा
करने
वाला
माना
जाता
है।
वहीं
ये
भी
दावा
किया
गया
कि
ई-सिगरेट
में
ये
तत्व
या
तो
कम
होते
हैं
या
बिल्कुल
भी
नहीं
होते
हैं।
वहीं
पब्लिक
हेल्थ
इंग्लैंड
की
रिपोर्ट
में
अपनी
रिपोर्ट
में
कहा
कि
सिगरेट
के
आदी
लोगों
को
ई-सिगरेट
पीना
चाहिए।
यह
सिगरेट
छोड़ने
में
मदद
करता
है।
क्यों लगाया गया बैन
दरअसल हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें ई-सिगरेट के खतरनाक असर को उजागर किया गया। इस रिपोर्ट में ई-सिगरेट को बैन करने की मांग की गई। एक शोध से पता चला कि ई सिगरेट में इस्तेमाल होने वाला फ्लेवरिंग लिक्विड दिल को नुकसान पहुंचा सकते है। ई-सिगरेट ने सिर्फ कैंसर ही नहीं बल्कि हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। वहीं यह भी कहा गया कि इसके इसके इस्तेमाल से डिप्रेशन का खतरा बढ़ता है। ई-सिगरेट के दालचीनी और मेंथॉल फ्लेवर सबसे खतरनाक माने गए।रिसर्च में पाया गया कि ई-सिगरेट पीने से हार्ट अटैक का खतरा 56 फीसदी तक बढ़ जाता है।
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