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वोडाफोन ने भारत सरकार के खिलाफ 20,000 करोड़ रुपए का टैक्स केस जीता

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नई दिल्ली। टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने 20,000 करोड़ के टैक्स विवाद मामले में भारत सरकार को हराकर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केस जीत लिया है। द हॉग कोर्ट ने शुक्रवार को भारत सरकार के खिलाफ सुनाए गए फैसले में कहा कि भारतीय टैक्स डिपार्टमेंट ने 'निष्पक्ष और बराबरी' से काम नहीं किया है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, उसे इंटरनेशनल कोर्ट में 12,000 करोड़ बकाए और 7,900 करोड़ जुर्माने वाले एक अहम केस में भारत सरकार के खिलाफ जीत मिली है।

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Vodafone ने 20 हजार करोड़ के Tax विवाद मामले में जीता केस, Government को झटका | वनइंडिया हिंदी
2016 में कंपनी ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का रूख किया था

2016 में कंपनी ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का रूख किया था

भारत सरकार और वोडाफोन के बीच 20,000 करोड़ रुपए के रेट्रोस्पेक्टिव (पूर्व प्रभावी) टैक्स को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था। वोडाफोन और सरकार के बीच कोई सहमति ना बन पाने के कारण 2016 में कंपनी ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का रूख किया था। वोडाफोन की अपील के बाद मामले की सुनवाई के लिए जज सर फ्रैंकलिन की अध्यक्षता में 2016 में एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया था। जिस पर शुक्रवार को फैसला आया।

कोर्ट ने निवेश समझौता का उल्लंघन बताया

कोर्ट ने निवेश समझौता का उल्लंघन बताया

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, ट्रिब्यूनल ने कहा है कि वोडाफोन पर भारत सरकार द्वारा डाली गई कर देनदारी भारत और नीदरलैंड के बीच के निवेश समझौता का उल्लंघन है। यह विवाद लाइसेंस फीस और एयरवेव्स के इस्तेमाल पर रेट्रोएक्टिव टैक्स क्लेम को लेकर शुरू हुआ था। दरअसल वोडाफोन ने 2007 में हॉन्गकॉन्ग के हचिसन ग्रुप के मालिक हचिसन हामपोआ के मोबाइल बिजनेस हचिसन-एस्सार में 67 फीसदी हिस्सेदारी 11 अरब डॉलर में खरीदी थी। वोडाफोन ने यह हिस्सेसदारी नीदरलैंड और केमैन आईलैंड स्थित अपनी कंपनियों के जरिए ली थी।

इस मामले में वोडाफोन को सुप्रीम कोर्ट से भी मिली थी राहत

इस मामले में वोडाफोन को सुप्रीम कोर्ट से भी मिली थी राहत

इस डील पर भारत का इनकम टैक्स डिपार्टमेंट वोडाफोन से कैपिटल गेन टैक्स मांग रहा था। हालांकि जब कैपिटल गेन टैक्स चुकाने पर राजी हुई तबउससे रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स की भी मांग की गई। यानी यह डील 2007 में हुई थी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लगातार विदहोल्डिंग टैक्स की मांग कर रहा था। इसके बाद कंपनी ने 2012 में इस डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस किया था। जिस पर कोर्ट ने राहत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी वोडाफोन को वर्ष 2007 में हच एस्सार का अधिग्रहण करने के लिए अब कर नहीं चुकाना होगा।

इस फैसले के बाद तब के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट 2012-13 पेश करते हुए आयकर कानून 1961 को रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के साथ संशोधित करने का प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव इसलिए रखा गया ताकि वोडाफोन जैसे विलय व अधिग्रहण के विदेश में होने वाले सौदों पर टैक्स लगाया जा सके। इसके बाद वोडाफोन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख किया। इस मामले की लंबी सुनवाई के बाद अब एक बार फिर वोडाफोन के पक्ष में फैसला आया है।

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English summary
Vodafone win international arbitration case against Indian govt in a Rs 20000 crore tax dispute
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