एक और पेमेंट बैंक का कारोबार हुआ बंद, RBI ने रद्द किया लाइसेंस
नई दिल्ली। आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट बैंक ने एक साल के भीतर ही अपना कारोबार बंद कर दिया था। इस पेमेंट बैंक ने अपने आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी दी थी। वहीं, एक अन्य पेमेंट बैंक का कामकाज बंद हो गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस पेमेंट बैंक के आवंटित अधिकार प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेमेंट बैंक के स्वेच्छा से प्रमाणपत्र सौंपे जाने के बाद इसे RBI ने रद्द कर दिया है।
RBI ने रद्द किया अधिकार प्रमाणपत्र
आरबीआई ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी अब प्रीपेड भुगतान से जुड़े कार्य नहीं कर पाएगी। आरबीआई ने कहा कि वोडाफोन एम-पैसा ने स्वेच्छा से अधिकार पत्र लौटा दिया है। ग्राहकों या व्यापारियों का भुगतान प्रणाली परिचालक के तौर पर कंपनी के ऊपर कोई दावा होने की स्थिति में अधिकार प्रमाणपत्र रद्द होने के तीन साल के भीतर (30 सितंबर,2022) दावा किया जा सकता है।
एम-पैसा का कारोबार बंद
वोडाफोन एम-पैसा उन 11 कंपनियों में शामिल है जिसे केंद्रीय बैंक ने साल 2015 में लाइसेंस दिया था। इसके पहले, आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट बैंक ने अपना कारोबार बंद कर दिया था। कंपनी ने 1 साल बाद ही अपना कारोबार समेटने की घोषणा की थी। रिजर्व बैंक ने एक नोटिफिकेशन में बताया था कि पेमेंट बैंक को स्वेच्छा से लिक्विडेट करने के आवेदन को मुंबई हाईकोर्ट ने 18 सितंबर 2019 को आदेश जारी कर दिया है।
आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट बैंक ने भी समेटा था कारोबार
साल 2015 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लोगों के घर-घर बैंकिंग सर्विस को पहुंचाने के लिए पेमेंट बैंक की मंजूरी दी थी। आरबीआई ने पेमेंट बैंक के लाइसेंस के लिए आई 41 कंपनियों के प्रपोजल में से सिर्फ 11 कंपनियों को लाइसेंस जारी किया था, लेकिन पिछले 4 सालों में 11 कंपनियों में 6 कंपनियों ने अपना कारोबार समेट लिया है। टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनैंस कंपनी और दिलीप सांघवी, आईडीएफसी बैंक लिमिटेड और टेलिनॉर फाइनैंशल सर्विसेज के गठबंधन में बना भुगतान बैंक बाजार छोड़ने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।