हाईकोर्ट में विजय माल्या की दलील, भगोड़ा घोषित करना आर्थिक मृत्युदंड देने जैसा
हाईकोर्ट में विजय माल्या की दलील, भगोड़ा घोषित करना आर्थिक मृत्युदंड देने जैसा
नई दिल्ली। शराब कारोबारी और किंगफिशर के मालिक विजय माल्या पर बैंकों का करोड़ों रुपए लेकर फरार होने का आरोप लगा है। भारत से फरार हो चुके विजय माल्या ने अपने वकील के माध्यम से बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा है कि अदालत द्वारा उसे भगोड़ा घोषिक किए जाना उनके लिए आर्थिक रूप से मृत्युदंड देने जैसा है। माल्या ने अपने वकील अमित देसाई के जरिए बॉम्बे हाईकोर्ट के सामने अपील की।
विजय माल्या के वकील ने कहा कि उन्हें भगोड़ा घोषित करके एक तरह से आर्थिक तौर पर मौत की सजा दी गई है। उन्होंने कहा कि उसकी संपत्तियों को जब्त करने के बाद से उसके पास कुछ भी नहीं बचा है। कर्ज चुकाने के लिए वो अपनी संपत्ति नहीं बेच पा रहे हैं। माल्या के वकील अमित देसाई से जस्टिस रंजीत मोरे और भारती डांगरे की खंडपीठ के सामने दलील रखी और कहा कि आर्थिक भगोड़ा कानून के लागू होने के बाद से जांच एजेंसियों ने उसकी संपत्तियों को जब्त कर लिया है। वो कर्ज चुकाने के लिए अपनी संपत्तियों को बेच भी नहीं पा रहा है।
अमित देसाई ने कहा कि इसकी वजह से वो कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं और उनके ऊपर लग रहा ब्याज लगातार बढ़ता जा रहा है। ये स्थिति आर्थिक रूप से मौत की सजा के बराबर है। उन्होंने कहा कि माल्या की संपत्ति जब्त किए जाने पर रोक लगनी चाहिए। हालांकि, अदालत ने याचिका पर कोई अंतरिम राहत देने से मना कर दिया। गौरतलब है कि कोर्ट ने जनवरी में माल्या को भगोड़ा घोषिच तक दिया था।