सुपर रिच अनिल अग्रवाल ‘बाहरी’ को सौंपेंगे वेदांता ग्रुप की कमान
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला) लंदन में रहने वाले वेदांता ग्रुप के चेयरमेन अनिल अग्रवाल अपने समूह की कमान अपने भाइयों, पुत्र या पुत्री की बजाय किसी बाहरी पेशेवर को सौंप सकते हैं। हालांकि अभी 61 साल के अग्रवाल ने कोई समय तय नहीं किया है कि वे कब कंपनी की कमान किसी को बाहरी को देंगे।
सबसे इनकम टैक्स
वे चाहते हैं कि दुनियाभर में फैले उनके समूह को पेशेवर तरीके से ही चलाया जाए। उनका वेदांता ग्रुप बाकी किसी भी कंपनी की तुलना में ज्यादा इनकम टैक्स देता है। वेदांता ग्रुप को 13 बिलियन डॉलर का माना जाता है। वेदांता ग्रुप का तेल खनन करने वाली कंपनी केयर्न में हाल ही में मर्जर हुआ है।
मेरिट को महत्व
अग्रवाल के करीबी सूत्रों ने बताया कि अनिल अग्रवाल चाहते हैं कि वेदांता ग्रुप पेशेवर तरीके से चले। वहां पर सिर्फ मेरिट को ही महत्व मिले। वे अपने किसी भाई या बच्चों को वेदांता ग्रुप को सौंपने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि वे उनके करीबी संबंधी हैं।
भाई-बच्चों को नहीं
वेदांता ग्रुप को करीब से जानने वाले बताते हैं कि वर्तमान में अनिल अग्रवाल के साथ-साथ उनके दो भाई नवीन अग्रवाल और प्रवीण अग्रवाल और पुत्र अग्निवेश अग्रवाल और प्रिया अग्रवाल देखते हैं। अग्निवेश दुबई में रहते हैं।
वह हिन्दुस्तान जिंक के बोर्ड में भी हैं। उनका दुबई में अपना मेटेल का भी मोटा कारोबार है। बेटी केयर्न बोर्ड में हैं। उसने आकर्षक हेब्बार नाम के बैंकर से विवाह किया हुआ है। वह पहले विज्ञापन पेशेवर थी।
मिले जेटली से
अग्रवाल ने बीते दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करके वेदांता समूह और केयर्न में मर्जर की जानकारी दी। बैठक 30 मिनट तक चली। हालांकि अग्रवाल ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया। पता चला है कि अग्रवाल ने जेटली को अपनेग्रुप की भावी योजनों की जानकारी भी दी।