केंद्र सरकार बोली-राज्यों को GST में उनका हिस्सा देने की हालत में नहीं
नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है। मंगलवार को संसदीय स्थायी समिति की बैठक में केंद्रीय वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि सरकार वर्तमान राजस्व बंटवारे के फार्मूले के अनुसार राज्यों के जीएसटी हिस्से का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। द हिंदू के अनुसार, इस स्थायी संसदीय समिति की अध्यक्षता भाजपा सांसद जयंत सिंहा कर रहे थे। बता दें कि ,पिछले मंगलवार को जीएसटी मुआवजे का मुद्दा वित्तीय मामलों की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में ये मुद्दा उठाया गया था।
'द हिंदू' ने बैठक में शामिल हुए सदस्यों के हवाले से लिखा कि, वित्त सचिव ने यह टिप्पणी कोरोना वायरस महामारी के कारण राजस्व में आई कमी को लेकर पूछे गए सवाल पर आई है। इसके बाद सदस्यों ने सवाल किया कि सरकार राज्यों की प्रतिबद्धता पर किस तरह से अंकुश लगा सकती है। नाम ना जाहिर करने की शर्त में एक सदस्य ने बताया कि इसके जवाब में पांडे ने कहा, अगर राजस्व संग्रह एक निश्चित सीमा से नीचे चला जाता है तो जीएसटी एक्ट में राज्य सरकारों को मुआवजा देने के फार्मूले को फिर से लागू करने के प्रावधान हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार अभी इस स्थिति में नहीं है कि निकट भविष्य में सभी राज्यों को जीएसटी का मुआवजा दे सके। वास्तव में देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है और इस वजह से केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने में समर्थ नहीं है। सोमवार को वित्त मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के जीएसटी मुआवजे के लिए केंद्र सरकार ने 13806 करोड़ रुपये की अंतिम किस्त जारी की है।
बता दें कि , जीएसटी काउंसिल की जुलाई में मीटिंग होनी थी। इसमें राज्यों को मिलने वाले पैसे के नए फॉर्मूले पर चर्चा की जानी थी, लेकिन यह मीटिंग अभी तक नहीं हुई है। बता दें कि समिति की यह बैठक देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद पहली बार हुई। इस दौरान भी भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के बजाय समिति ने 'नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और भारत की विकास कंपनियों को वित्त मुहैया कराना' जैसे मुद्दे को उठाया। जिसकी कांग्रेस सांसदों मनीष तिवारी, अंबिका सोनी और एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने आलोचना की।
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