रोजगार के मोर्चे पर राहत, जून में बेरोजगारी दर घटकर 10.99 पर आई
नई दिल्ली। मार्च में लॉकडाउन के बाद बुरी तरह से प्रभावित हुई देश की अर्थव्यवस्था जून में काफी हद तक पटरी पर लौटी है। जिसके बाद बेरोजगारी दर में कमी आई है। भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र (सीएमआईई) की ओर से जारी डाटा के मुताबिक, मई में जहां बेरोजगारी दर 23.48 प्रतिशत पर थी। वहीं जून में ये 10.99 फीसदी रही है। जून में शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 12.02 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी दर 10.52 फीसदी रही है। 1 जून से लॉकडाउन में मिली छूट और कामधंधे करने की अनुमति को इस सुधार की वजह माना जा रहा है।
सीएमआईई के मुताबिक, जून में सबसे ज्यादा 33.6 फीसदी बेरोजगारी दर हरियाणा राज्य में रही। इसके बाद त्रिपुरा में 21.3 और झारखंड में 21 फीसदी बेरोजगारी दर जून के महीने में रही रही है। शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी की दर कम है।
भारत में 25 मार्च को अचानक देशभर में लॉकडाउन लगा दिया गया था। जिसके बाद देश में सभी काम बंद कर दिएगए और एक धझटके में करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए। इसका साफ असर बेरोजगारी दर पर पड़ा। लॉकडाउन से पहले मार्च में बेरोजगारी दर मार्च में 8.75 फीसदी थी और 3 मई को खत्म हुए सप्ताह में यह 27.1 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई । इसके बाद इसमें गिरावट आई। जून के पहले तीन हफ्तों में बेरोजगारी दर 17.5 फीसदी, 11.6 फीसदी और 8.5 फीसदी रही।
शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर अब भी लॉकडाउन से पहले के स्तर से ऊंची बनी हुई है। वहीं मनरेगा और खरीफ की बुआई के कारण ग्रामीण इलाकों में लोगों को काफी रोजगार मिला है। ग्रामीण भारत में लोगों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से लाभ हुआ है।
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