महंगाई डायन: दिल्ली में टमाटर का मूड हुआ 'लाल', एक किलो के देने पड़ रहे इतने रुपए
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। सब्जियों के भाव आसमान पर पहुंचने के बाद बाजार से लोगों के बैग अब आधे भरे ही घर वापस लौट रहे हैं। देश की राष्ट्रीय राजधानी में तो हालात और भी खराब स्थिति में पहुंच गए हैं, यहां प्याज ने तो जनता को आंसू दिए ही थे, अब टमाटर का मिजाज भी लाल हो गया है। प्रति किलोग्राम टमाटर के लिए अब लोगों को 70 से 80 रुपए तक चुकाने पड़ रहे हैं।
दिल्ली में 70-80 रुपए प्रति किलो टमाटर
पहले कोरोना संकट और फिर बाढ़ ने देश की थाली का स्वाद फीका कर दिया है। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में 20-30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलने वाला टमाटर अब अनलॉक में 70-80 रुपए प्रति किलो पर बिक रहा है। इसके पीछे की वजह सप्लाई चेन में आई गड़बड़ी को बताया जा रहा है। आलू, प्याज, शिमला मिर्च और टमाटर सहित लगभग सभी सब्जियों की खुदरा कीमतें दिल्ली में दो से तीन गुना तक बढ़ गई हैं।
इस वजह से कीमतों में आया उछाल
बता दें कि बड़ी मंडियों से खुदरा विक्रेताओं द्वारा खरीदे जाने के बाद सब्जियां छोटी मंडियों में पहुंचती हैं और खुदरा विक्रेता तब इलाके के अनुसार सब्जियों के दाम तय करते हैं। दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में सब्जियों की बढ़ती कीमत में भारी उछाल का कारण जोरदार बारिश और डीजल की कीमतों में आई वृद्धि भी है। खुदरा बाजार में अब आलू 40-45 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है।
प्याज की कीमतों में भी उछाल
दिलचस्प बात यह है कि पिछले हफ्ते दिल्ली में टमाटर की कीमत 80 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं। एक रिपोर्ट से यह पता चला है कि थोक बाजारों में टमाटर की कमी के कारण दिल्ली में टमाटर की कीमत भी बढ़ रही है। प्याज की कीमत दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में भी बढ़ी है और वर्तमान में यह 40 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा है। इस बीच केंद्र ने सोमवार को तत्काल प्रभाव से प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसका उद्देश्य घरेलू बाजार में कमोडिटी की उपलब्धता और कीमतों को बढ़ाना था।
भारत की खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट
इस बीच राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा 14 सितंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में उपभोक्ता मुद्रास्फीति अगस्त में 6.69 प्रतिशत पर आ गई, जो पिछले महीने में 6.73 प्रतिशत थी। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर में मामूली गिरावरट देखने को मिली है। अगस्त में संयुक्त खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति (सीएफपीआई) जुलाई में 9.27 प्रतिशत (संशोधित) के मुकाबले 9.05 प्रतिशत रही। सब्जियों में मुद्रास्फीति जुलाई में 11.29 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में 11.41 प्रतिशत पर आ गई। ईंधन और लाइट सेगमेंट में मुद्रास्फीति अगस्त में 3.10 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई में 2.80 प्रतिशत थी।
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