पछताना ना पड़े इसलिए प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन बातों का जरूर रखें ध्यान
पछताना ना पड़े इसलिए प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन बातों का जरूर रखेंध्यानप्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन बातों का रखे ध्यान
नई दिल्ली। देश ने 90 के दशक के बाद जब उदारवादी नीतियों को अपनाया तो देश में मध्यमवर्ग को इसका काफी फायदा हुआ। उसकी आय बढ़ी और वो इसेक निवेश के बारे में भी सोचने लगा। एक मध्यमवर्गीय परिवार के सपनों में उसका अपना घर उसकी पहली चाहत होती है। रियल एस्टेट सेक्टर ने देश में तेजी से बढ़ा है और इसी के साथ प्रॉपर्टी और जमीन को लेकर विवादों में भी बढ़ोतरी हुई है। 'रेरा' के आने के बाद घर खरीदारों को कुछ राहत मिली है लेकिन अभी भी कई ऐसे मामले हैं जो अदालतों में फंसे हुए हैं। लोगों को सालों के बाद भी अपना आशियाना नहीं मिल पाया है। छोटे शहरों की बात करें तो वहां भी लोग विश्वास में प्रॉपर्टी ले लेते हैं लेकिन कई बार बाद में पता चलता है कि जो प्रॉपर्टी उन्होंने खरीदी है वो विवादों में हैं। अगर आप भी कोई प्रॉपर्टी खरीदने का मन बना रहे हैं तो उसमें निवेश करने से पहले कुछ एक चीजों की जांच जरूर कर लें ताकि आपकी मेहनत की कमाई कहीं डूब ना जाए। प्रॉपर्टी की ऐसे करें जांच-
मालिकाना
हक
ये
देखना
सबसे
जरूरी
है
कि
प्रॉपर्टी
का
टाइटल
साफ
हो
उसे
लेकर
किसा
तरह
का
कोई
विवाद
ना
हो।
अगर
आप
कोई
नई
प्रॉपर्टी
खरीद
रहे
हैं
तो
जमीन
का
मालिकाना
हक
निर्माण
करने
वाली
कंपनी
के
पास
होना
चाहिए।
रिसेल
में
कोई
प्रॉपर्टी
खरीद
रहे
हैं
तो
भी
उसके
कागजातों
का
ध्यान
से
अध्यनन
कर
लें
और
जरूरी
हो
तो
किसी
वीकल
की
भी
मदद
लें।
साइट
के
साथ
उसके
मंजूर
प्लान
को
देखें
अगर
आप
किसी
बिल्डर
से
अपार्टमेंट
खरीद
रहे
हैं
तो
स्थानीय
अथारिटी
द्वारा
उस
साइट
के
लिए
मंजूर
प्लान
को
जरूर
देख
लें।
इससे
आापको
इलाके
और
वहां
हो
रहे
निर्माण
की
जानकारी
मिल
जाएगी।
बैंकों
की
मंजूरी
अगर
बैंक
आपको
घर
के
लिए
लोन
दे
रहा
है
तो
समझिए
आपकी
आधी
से
ज्यादा
परेशानी
खत्म
हो
गई
है।
बैंक
लोन
मंजूर
करने
से
पहले
प्रॉपर्टी
का
मूल्यांकन
करते
हैं,
कानूनी
तौर
पर
उसकी
वेरिफिकेशन
करते
हैं।
यानी
बैंक
लोन
देने
को
राजी
है
तो
समझिए
लगभग
सभी
मंजूरियां
मिल
चुकी
हैं।
लेकिन
फिर
भी
बैंक
के
साथ
लोन
अग्रीमेंट
करने
से
पहले
बैंक
की
शर्तों
को
जरूर
ध्यान
से
पढ़
लें।
एन्कम्ब्रन्स
सर्टिफिकेट
जब
रीसेल
प्रॉपर्टी
खरीदने
की
बात
आती
है
तो
एन्कम्ब्रन्स
सर्टिफिकेट
बहुत
अहम
दस्तावेज
हो
जाता
है।
एन्कम्ब्रन्स
सर्टिफिकेट
इस
बात
का
सबूत
है
कि
प्रॉपर्टी
कानूनी
तौर
पर
गिरवी
या
फिर
किसी
बकाये
से
मुक्त
है।
एन्कम्ब्रन्स
सर्टिफिकेट
में
प्रॉपर्टी
के
पुराने
मालिक
का
भी
नाम
लिखा
रहता
है।
प्रॉपर्टी
टैक्स
की
रसीद
भी
देखें
रीसेल
में
प्रॉपर्टी
लेते
हुए
पुराने
मालिक
से
प्रॉपर्टी
टैक्स
स्लिप
जरूर
मांगें।
इससे
आपको
दो
बातों
की
पुष्टी
होगी
कि
एक
तो
जिस
इलाके
में
आप
प्रॉपर्टी
ले
रहे
हैं
वो
नियमित
है
या
गैरकानूनी।
दूसरी
क्या
प्रॉपर्टी
स्थानीय
निकाय
प्रशासन
के
पास
रजिस्टर्ड
है
या
नहीं।
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