10 बैंकों का विलय: 1 अप्रैल को जारी हो सकता है नोटिफिकेशन, जानिए आपके खाते पर क्या होगा असर?
नई दिल्ली। घाटे में चल रहे बैंक भारत सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द है, इसी वजह सरकार ने सरकारी बैंकों का बड़े बैंकों में विलय करने की योजना बनाई है और इस बड़े फैसले पर सरकार इस हफ्ते अपनी मुहर भी लगा सकती है और हो सकता है कि वो 1 अप्रैल को विलय की प्रक्रिया का नोटिफिकेशन भी जारी कर दे, आपको बता दें कि इस योजना के तहत देश के 10 बैंकों को चार बैंकों में विलय कर दिया जाएगा और हो सकता है कि इन बैंकों के मर्जर के बाद सभी बैंकों के नाम भी बदल दिए जाए।
10 बैंकों के विलय की घोषणा
गौरतलब है कि अगस्त 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 10 बैंकों के विलय की घोषणा की थी, जिसके मुताबिक ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जाना था, जबकि केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक में विलय था और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में और यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक का विलय होना था।
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नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सार्वजनिक सेक्टर में केवल ये बैंक बचेंगे
- भारतीय स्टेट बैंक
- बैंक ऑफ बड़ौदा
- पंजाब नेशनल बैंक
- केनरा बैंक
- यूनियन बैंक
- इंडियन बैंक
- बैंक ऑफ इंडिया
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
- इंडियन ओवरसीज बैंक
- पंजाब एंड सिंध बैंक
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र
- और यूको बैंक
क्या होगा खाताधारकों पर असर
- बैंकों के विलय के बाद खाताधारकों की जमापूंजी पर कोई असर नहीं होगा।
- लेकिन कागजी कार्यवाही थोड़ी बढ़ जाएगी।
- बैंकों के विलय के बाद ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है।
- नई चेकबुक, पासबुक, बैंक एड्रेस बदल सकता है।
- बैंकों के खाताधारकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे।
- खाताधारकों को ये जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम आदि में भी अपटेड करवानी होगी।
- हालांकि एफडी की ब्याज दर या होम लोन, ऑटो लोन की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं होगा।
- बैंकों के विलय के बाद कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है।