वोडाफोन-आइडिया को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- सीधे जेल भेज देंगे
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले की सुनवाई करते हुए आदित्य बिड़ला ग्रुप की टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया को सख्त चेतावनी दी और यहां तक कहा कि अब वो कंपनी के अधिकारी को जेल भेज देगा। उधर, कंपनी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि वोडाफोन आइडिया ने पिछले 15 वर्षों में जितना रेवेन्यू हासिल किया वो सब खत्म हो चुका है।
ऐसे में एजीआर की रकम तुरंत चुकाना उसके बूते के बाहर की बात है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट वोडाफोन आइडिया पर करीब 58 हजार करोड़ रुपये के बकाया का दावा कर रहा है। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना आदेश 10 अगस्त तक के लिए टाल दिया है। इससे पहले कोर्ट ने 18 जून को अपने फैसले में वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज को एक दशक की बैलेंस शीट देने को कहा था।
वोडाफोन आइडिया के वकील मुकुल रोहतगी ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, 'हमने एक दशक की बैलेंस शीट और टैक्स विवरण दर्ज कर दिया है।' इसके अतिरिक्त एजीआर मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि, 'यदि आप हमारे आदेशों का पालन नहीं करेंगे, तो हम आपके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करेंगे। जो भी गलत काम कर रहे हैं, उन्हें हम सीधे जेल भेज सकते हैं।'
सरकार और कंपनी के अलग-अलग दावे
वोडाफोन आइडिया पर टेलिकॉम डिपार्टमेंट का कुल 58 हजार करोड़ रुपये का बकाया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नॉन-टेलिकॉम रेवेन्यू भी कर्ज के रूप में शामिल है। कंपनी को मार्च 2020 में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में 73,878 हजार करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया पर वित्त वर्ष 2016-17 तक 58,254 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है। वहीं, कंपनी का कहना है कि डिपार्टमेंट के आकलन में कुछ गलतियां हैं और उसने अतीत में दी गई रकम को बकाया रकम से घटाया नहीं है। कंपनी के मुताबिक, अब उस पर सिर्फ 46 हजार करोड़ रुपये का ही बकाया है।
ऑनलाइन सुनवाई के दौरान टी-शर्ट पहनकर बेड पर लेटे नजर आए वकील, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार