मोदी राज में चाय वाले परेशान क्योंकि बढ़ने वाले हैं चाय के दाम
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। जिस नरेंद्र मोदी को दुनिया चाय बेचने वाला कह कर पुकारती है, उन्हीं के राज में अब देश भर के चाय की दुकान लगाने वाले लोगों के माथे पर जल्द ही चिंता की लकीरें खिंच जायेंगी। जी हां क्योंकि चाय के दाम बढ़ने वाले हैं। मुमकिन है कि आपकी भी कड़क चाय की प्याली का मजा कुछ समय के बाद पहले जैसा न रहे। दरअसल कम उपलब्धता के कारण चाय की कीमतों में कुछ बढ़ोतरी की आशंका है। चाय बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, इसकी वजह यह मानी जा रही कि असम और पश्चिम बंगाल में बीते कुछ महीनों के दौरान चाय की पैदावार घटी है।
हालांकि जानकारों का कहना है कि चाय की कीमतों में बढ़ोत्तरी होने से भी इसकी मांग नहीं घटती। क्योंकि चाय के चाहने वाले थोड़ी-बहुत इजाफे को झेल लेते हैं।
महत्वपूर्ण है कि कुछ साल पहले तक चाय के प्रमुख उत्पादक देशों में भारत और उसके बाद चीन का स्थान था। पर अब चीन ने भारत से इस क्षेत्र में बाजी मार ली है। अन्य प्रमुख उत्पादक देशों में श्रीलंका एवं कीनिया इसके बाद महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। चीन ही अभी एकमात्र ऐसा देश है जो लगभग हर तरह की चाय का बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन करता है।
पैदावार में बढ़ोत्तरी
सूत्रों का कहना है कि आने वाले महीनों में भी चाय की पैदावार में बढ़ोत्तरी की संभावना कम है। इसके चलते चाय की कीमतों का बढ़ना तय है। इस बीच, इस साल उत्तर भारत में सीजन की शुरुआत से ही खराब मौसम के कारण चाय की उपलब्धता एक बड़ी समस्या रही है। मई तक पैदावार में 2 करोड़ किलोग्राम की कमी रही थी। इस साल पैदावार में कुल 3-3.5 करोड़ किलोग्राम की कमी आ सकती है। जानकारों का कहना है कि चाय के पैकेट बेचने वाली कंपनियों को कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ उपभोकताओं पर डालने में दो-तीन महीनों का वक्त लग जाता है।