टीसीएस-नीलसन के बीच अब तक की सबसे बड़ी आईटी आउटसोर्सिंग डील
किसी भारतीय आईटी कंपनी ने आउटसोर्सिंग के पैमाने पर अब तक की सबसे बड़ी डील है
नई दिल्ली। आईटी कंपनी टाटा कसंल्टेंसी सर्विस (TCS) और रिसर्च और रेटिंग मैनेजमेंट कंपनी नीलसन के बीच आईटी सेक्टर में आउटसोर्सिंग को लेकर बड़ी डील हुई है। संबंधी बेहद शानदार डील हुई है।टाटा कंसल्टेंसी सर्विस (टीसीएस) ने टेलिविजन रेटिंग प्रबंधन एजेंसी के साथ 2.25 बिलियन डॉलर (144.1 अरब रुपए) में एक डील की है। इस डील को टीसीएस के नए प्रमुख राजेश गोपीनाथन के कार्यकाल का पहला मील का पत्थर माना जा सकता है। राजेश गोपीनाथन ने फरवरी महीने में ही एन चंद्रशेखरन की जगह ली है।
ये डील हुई है
किसी भारतीय आईटी कंपनी ने आउटसोर्सिंग के पैमाने पर अब तक की सबसे बड़ी डील है। इस डील के अंतर्गत टीसीएस अगले तीन सालों तक यानी कि साल 2020 तक नीलसन के सभी आउटसोर्सिंग से जुड़े कामों को पूरा करेगी। टीसीएस इस डील के जरिए नीलसन तीन साल तक (2017-2020) 320 मिलियन डॉलर का कारोबार उपलब्ध करवाएगी। 2021 से 2024 तक कंपनी के संभावित वार्षिक राजस्व को 186 मिलियन डॉलर और 2025 में 139.5 मिलियन डॉलर के स्तर पर देखा जा रहा है।
टीसीएस-नीलसन के बीच बड़ी डील
इसी साल अक्टूबर महीने में हुई यह डील टीसीएस और नीलसन की पार्टनरशिप का रिन्यूअल भर है। इन कंपनियों के बीच 2008 में 10 साल के लिए डील 1.2 बिलियन डॉलर (76.8 अरब रुपए) में डील हुई थी जिसे 2013 में तीन साल और बढ़ाकर लगभग दोगुना 2.5 बिलियन डॉलर (160.1 अरब रुपये) कर दिया गया। इन दोनों कंपनियों के बीच यह डील 31 दिसंबर, 2025 तक के लिए है। इसमें यह भी कहा गया है कि टीसीएस नीलसन को ये सेवाएं वैश्विक स्तर पर मुहैया करवाएगी। इन सेवाओं में आईटी के अलावा एप्लिकेशन डेवलपमेंट और मैंनटेंनेंस- बीपीओ, क्लाइंट सर्विस नॉलेज प्रोसेस आउटसोसिंग और मैनेंजमेंट साइंसेस, एनालिटिक्स और फाइनेंशल प्लानिंग शामिल हैं।
कंपनी को 88 मिलियन डॉलर के इंक्रीमेंटल रेवेन्यू की जरूरत है
आपको बता दें कि मार्च 2017 तक टीसीएस ने 17.6 बिलियन डॉलर के साथ 6.2 फीसद की राजस्व वृद्धि दर्ज कराई थी। कंपनी को 88 मिलियन डॉलर के इंक्रीमेंटल रेवेन्यू की जरूरत है ताकि वो अपनी ग्रोथ को सुधारकर 50 आधार अंकों तक ले आए।
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