TCS, Infosys, Wipro समेत इन IT कंपनी में बड़ी छटनी की तैयारी, 30 लाख लोगों की जा सकती है नौकरी: रिपोर्ट
नई दिल्ली, जून 17: उद्योगों में ऑटोमेशन बहुत तेज गति से हो रहा है। विशेष रूप से टेक स्पेस में, घरेलू सॉफ्टवेयर फर्म में, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि, 1.6 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाली घरेलू सॉफ्टवेयर कंपनियां 2022 तक 30 लाख कर्मचारियों की छंटनी करेंगी। इस कदम से कंपनियों को 100 अरब डॉलर (7.3 लाख करोड़ रुपये) की बचत होगी। हालांकि कंपनियो को रोबोट ऑटोमेशन अपनाने के लिए 10 अरब डॉलर यानी 73 हजार करोड़ रुपये खर्च भी करने पड़ेंगे।

नैसकॉम के अनुसार, घरेलू आईटी क्षेत्र में लगभग 16 मिलियन कार्यरत हैं, उनमें से लगभग 9 मिलियन कम कुशल सेवाओं और बीपीओ भूमिकाओं में कार्यरत हैं। बुधवार को जारी की गई बैंक ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन 90 लाख लोगों में से 30 प्रतिशत लोग या करीब 30 लाख लोग अपनी नौकरियां खो देंगी, जिसकी मुख्य वजह रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन या आरपीए है। सिर्फ रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन से ही सात लाख नौकरियां खत्म हो जाएंगी।
बाकी नौकरियां घरेलू आईटी कंपनियों के दूसरे प्रौद्योगिकीय उन्नयन एवं कौशल में वृद्धि की वजह से जाएंगी। इसमें यह भी कहा गया कि रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन का अमेरिकी में बुरा असर पड़ेगा और वहां करीब 10 लाख नौकरियां जाएंगी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में संसाधनों के लिए कर्मचारियों के वेतन पर सालाना 25,000 डॉलर और अमेरिकी संसाधनों के लिए 50,000 डॉलर के खर्च के आधार पर इससे कॉरपोरेट के लिए वार्षिक वेतनों तथा संबंधित खर्चों पर करीब 100 अरब डॉलर की बचत होगी।
म्यूजिक इंडस्ट्री में आने से पहले खुद को खत्म करने की सोच चुके थे कैलाश खेर, आखिर क्या थी वो वजह
इसमें कहा गया है कि टीसीएस, विप्रो, इंफोसिस, एचसीएल, टेक महिंद्रा, कोग्निजेंट और अन्य अप-स्किलिंग के कारण 2022 तक कम कौशल वाली भूमिकाओं में 30 लाख की कमी करने की योजना बनाते दिख रही हैं। इन पर वेतन के रूप में 100 अरब डॉलर की बचत होगी, लेकिन ऑटोमेशन के लिए 10 अरब डॉलर खर्च भी करने होंगे। इसके अलावा 5 अरब डॉलर नई नौकरियों के वेतन पर खर्च आएगा।