वित्त वर्ष 2020-21 में कर दर हो सकती है कम, मध्यम वर्ग को मिलेगा फायदा
नई दिल्ली। मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए खुशखबरी है। बताया जा रहा है कि फरवरी 2020 को बजट प्रस्ताव में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर की दर को कम करने की घोषणा कर सकती हैं। सूत्रों के अनुसार बजट 2020-2021 प्री-इलेक्शन अंतरिम बजट में निम्न और मध्यम आय वर्ग के वेतनभोगियों के लिए व्यक्तिगत आयकर दरों में बदलाव हो सकता है। यह टैक्स स्लैब में बदलाव के जरिए होगा।
सूत्रों के अनसार, जिनकी सालना आय 2.5-10 लाख रुपये हैं, उनपर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जा सकता है, जबकि 10-20 लाख रुपये की आय वाले व्यक्तियों को 20 प्रतिशत की कम दर से कर का भुगतान करना पड़ सकता है। हालांकि, कर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये पर अपरिवर्तित रह सकती है।
ऐसा नए डायरेक्ट टैक्स कोड पर एक टास्क फोर्स द्वारा दी गई सिफारिशों की तर्ज पर आंशिक रूप से तैयार किया जा रहा है, जिसने अगस्त में अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री को सौंपी थी। मंत्रालय द्वारा अभी भी रिपोर्ट की जांच की जा रही है। फिलहाल छूट सीमा 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है और 2.5-5 लाख रुपये के बीच आय पर 5 प्रतिशत कर लगाया जाता है।
5-10 लाख रुपये की आय वाले लोगों पर 20 प्रतिशत कर लगाया जाता है और 10 लाख रुपये से अधिक वालों पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है। 1 करोड़ रुपये, 2 करोड़ रुपये और 5 करोड़ रुपये के वेतन में सुपर रिच के लिए तीन-स्तरीय सरचार्ज होता है।
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