टैक्स के नाम पर कारोबारियों को तंग नहीं कर सकेंगे अधिकारी: निर्मला सीतारमण
टैक्स को लेकर कारोबारियों को तंग नहीं कर सकेंगे अधिकारी: सीतारमण
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि आयकर विभाग के अधिकारी टैक्स को लेकर कारोबारियों को तंग नहीं कर सकेंगे। इसके लिए एक नया सिस्टम लागू किया जाएगा। करदाताओं को होने वाली परेशानियों से बचाने के लिए वित्तमंत्री ने कहा कि टैक्स टारगेट पूरा किया जाएगा लेकिन उसके लिए अधिकारी किसी टैक्सपेयर को परेशान नहीं करेंगे। अब सभी कर नोटिस सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से जारी होंगे साथ ही आईटीआर जांच को आसान बना दिया है।।
कोई अधिकारी कंपनी के दफ्तर नहीं जाएगा। यह सारा काम सेंट्रल कमांड से होगा। अगर कोई अधिकारी नोटिस भेजता है तो उस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उसी को मान्य माना जाएगा जो कंप्यूटर के सेंट्रल कमांड से नोटिस आएगा। नोटिस का जवाब देने के बाद तीन महीने के भीतर उसे सुलझाने की जिम्मेदारी आयकर विभाग की होगी।
वित्तमंत्री ने बताया है कि कंपनी एक्ट के तहत कारपोरेट अपराध के 1400 केस वापस लिए जा चुके हैं। कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसबिलिटी के तहत सीईओ पर मुकदमा नहीं चलाएगा। अगर उल्लंघन होगा तो उन्हें आपराधिक मामले की तरह नहीं देखा जाएगा। सरकार इस संदर्भ में कंपनी एक्ट की समीक्षा करेगी जिसमें उनके जेल भेजने का प्रावधान था।
वित्त मंत्री ने कहा कि सराकारी बैंकों के लिए 70 हजार करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। सरकार पर टैक्स को लेकर लोगों को परेशान करने वाले आरोप झूठे हैं। हम जीएसटी की प्रक्रिया को और सरल बनाने जा रहे हैं टैक्स से जुड़े कानूनों में भी सुधार होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को देश के आर्थिक हालात के बारे में जानकारी देते हुए कई घोषणाएं की हैं। मंदी की आशंका को नकारते हुए उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बाकी देशों की से बेहतर है और घबराने की कोई बात नहीं है। हालांकि उन्होंने जीडीपी के घटने की बात भी स्वीकार की।
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