टाटा स्टील का बड़ा फैसला, कोरोना संकट में भी कर्मचारियों के पीएफ में 12 फीसदी देगी
नई दिल्ली। टाटा स्टील कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए संकट के बीच कर्मचारी भविष्य निधि यानी पीएफ में 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी देगी। टाटा स्टील और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच पीएफ कर्मचारी भविष्य निधि के हिस्सेदारी को लेकर ये फैसला हुआ है। यूनियन और कंपनी प्रबंधन के बीच कोरोना संकट के समय के तीन महीनोंस मई, जून और जुलाई में पीएफ हिस्सेदारी 12 प्रतिशत देने पर सहमति बनी है।
टाटा स्टील का फैसला इसलिए अहम है क्योंकि कोविड-19 के बाद पैदा हुए संकट को लेकर केंद्र सरकार ने पीएफ कटौती की हिस्सेदारी को 12 से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि यह फैसला नियोक्ता और कर्मचारियों के बोझ को कम करने के उद्देश्य से लिया गय है। ऐसे में टाटा स्टील और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच ये सहमति अहम है।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण ने केंद्र की ओर से दिए गए 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान करते हुए जानकारी दी थी क पीएफ में जमा की जाने वाली राशि को बेसिक सैलरी के 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। यह फैसला मई, जून और जुलाई 2020 के वेतन की कटौती के लिए लिया गया है।
हाल ही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ कटौती पर साफ किया है कि नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए पीएफ में कम कटौती का नियम अनिवार्य नहीं है। ईपीएफओ का कहना है कि जो नियोक्ता कॉस्ट-टू-कंपनी (सीटीसी) मॉडल का पालन कर रहे हैं, यानी जो कर्मचारियों के 10 फीसदी पीएफ का भुगतान कर रहे हैं उन्हें अपने कर्मचारियों को 2 फीसदी कटौती के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। अगर कर्मचारी अपने पीएफ का 12 फीसदी भुगतान करना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है।
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