टास्क फोर्स ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपी डायरेक्ट टैक्स में सुधार से संबंधित रिपोर्ट
नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य अखिलेश रंजन की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को अपनी प्रत्यक्ष कर रिपोर्ट सौंप दी है। नया प्रत्यक्ष कर कोड 1961 के मौजूदा आयकर अधिनियम की जगह लेगा। 21 महीने में कुल 89 बैठकों के बाद टास्क फोर्स ने ये रिपोर्ट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपी है। माना जा रहा है कि जल्द ही इन सभी टैक्स पर एक अहम फैसला सामने आ सकता है।
टास्क फोर्स ने इस रिपोर्ट में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है। बता दें कि जब कंपनियां डिविडेंट देती हैं तो 15 फीसदी डीडीटी लगता है। डीडीटी के ऊपर 12 फीसदी सरचार्ज और 3 फीसदी एजुकेशन सेस लगता है। इस तरह कुल मिलाकर डीडीटी की प्रभावी दर 20.35 फीसदी हो जाती है।
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टास्क फोर्स ने मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स को भी पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है। अभी कंपनी के बुक प्रॉफिट पर 18.5 फीसदी एमएटी लगता है। इनकम टैक्स के सेक्शन 115जेबी के तहत मैट (एमएटी) लगता है। टास्क फोर्स ने सभी के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 फीसदी करने की सिफारिश की है।
The task force headed by Akhilesh Ranjan, Member of Central Board of Direct Taxes, has submitted its Direct Tax Code Report to Union Finance Minister Nirmala Sitharaman. pic.twitter.com/c5Zh514EHm
— ANI (@ANI) August 19, 2019
इसके अलावा, टास्क फोर्स ने इनकम टैक्स की दरों और स्लैब में बड़े बदलाव की भी सिफारिश की है, साथ ही इनकम टैक्सपेयर्स की फेसलेस स्क्रूटनी के उपाय सुझाए हैं। इन्होंने सिस्टम के जरिये फाइनांशियल ट्रांजैक्शन का क्रॉस वेरिफिकेशन करने के उपाय सुझाए हैं। टास्क फोर्स का खास जोर टैक्स विवादों के जल्द निपटारे पर है।