Corona से जंग: रविवार 9 बजे 9 मिनट के लिए जलाएं दीए....PM मोदी की इस अपील में छुपे हैं 5 फायदे
नई दिल्ली। भारत कोरोना वायरस की चपेट में है। देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ते जा रही है। देशभर में लॉकडाउन जारी है। इस बीच जनता कर्फ्यू के बाद एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता से उनके 9 मिनट मांगे हैं। पीएम मोदी ने अपने वीडियो मैसेज के जरिए देशवासियों से रविवार 5 अप्रैल को रात 9 बजे अपने घर की लाइटें बंद कर घर के दरवाजे, बालकनी, छतों, खिड़कियों पर आकर 9 मिनट के लिए दीए, कैंडल, टॉर्च, मोबाइल फ्लैश जलाने की अपील की है। पीएम ने इस रविवार देशवासियों से कोरोना के अंधकार को चुनौती देने की अपील है। जनता कर्फ्यू के बाद PM मोदी की अपील पर इंडिया एक बार फिर से एकजुट होकर अपनी एकता का परिचय देगा। ऐसे में चर्चाएं ये भी होने लगी कि दीए-कैंडल जलाने से आखिर क्या होगा? अगर आपके मन में भी ऐसा ही कुछ सवाल है तो हम आपको पीएम मोदी की इस अपील के पीछे के 5 फायदे बताते हैं.....
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रविवार रात 9 बजे लाइटें बंद कर 9 मिनट के लिए दिए जलाएं
पीएम मोदी ने लोगों को अपने वीडियो मैसेज के जरिए 9 मिनट के लिए अपने घर की सभी लाइटों को बंद करने के लिए कहा है। 9 मिनट तक लाइटें बंद कर हम अर्थ आवर को सपोर्ट कर सकते हैं। हालंकि ये एक घंटे का होता लेकिन पीएम मोदी ने सिर्फ 9 मिनट के लिए घर की सभी लाइटें बंद करने को कहा है। घर की लाइटों को बंद कर अर्थ आवर को सपोर्ट मिलेगा।
बिजली की होगी बचत, कार्बन उत्सर्जन में कमी
28 मार्च को भी अर्थ आवर की अपील की गई थी, लेकिन कोरोना की जंग में हम इसे भूल गए। लाइटें बंद कर बिजली की बचत को प्रोत्साहन देंगे। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 30 मार्च को भारत में अर्थ आवर के दौरान 1 घंटे के लिए लाइटें बंद की थी। इस दौरान दिल्ली में मात्र 6 मिनट में ही लाइन स्विच ऑफ कर 258 मेगावाट बिजली की बचत कर ली थी। ऐसे में अगर 5 अप्रैल को दिल्ली में 9 मिनट के लिए लाइटें बंद होती है तो केवल दिल्ली के अंदर 444 मेगावाट बिजली की बचत होगी। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब पूरे देश में 9 मिनट लाइटें बंद होने से कितने लाखों मेगावाट बिजली की बचत हो सकती है।
कोरोना संकट के बीच एक बार फिर से देश को संगठित करने की कोशिश
लॉकडाउन के बीच पीएम मोदी की अपील ने एक बार फिर से घरों में बंद लोगों के बीच नए उत्साह का संचार कर दिया है। मनोवैज्ञानिक तौर पर लोगों में नई ऊर्जा का संचार होगा। जनता कर्फ्यू के दौरान शाम 5 बजे कोरोना कमांडोज के लिए ताली-थाली बजाने की अपील ने जो ऊर्जा और लोगों की एकजुटता का प्रदर्शन किया, वहीं इस रविवार को भी दिखेगी।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता दिखाने का संदेश
पीएम मोदी की इस अपील के पीछे उनका मकसद है कि लोग लॉकडाउन के बीच थोड़ी देर के लिए अपने दरवाजे,खिड़की,बालकॉनी में निकलकर दीया, कैंडल जलाए, ताकि लोगों के मन से थोड़ी देर के लिए ही सही कोरोना का खौफ खत्म हो सके। मनोवैज्ञानिक तौर पर देखें तो लोग व्यस्त हो सके। मनोवैज्ञानिक भी इसे लॉकडाउन में लोगों के लिए बेहतर मान रहे हैं। लोगों के लिए रविवार का दिन बाकी दिनों से थोड़ा हटकर होगा। घरों में बंद होते हुए भी लोग अलग महसूस करेंगे। वहीं एक बार फिर से देश के लोग कोरोना के खिलाफ एकजुटता का परिचय देंगे। पीएम मोदी ने इसके जरिए एक सामूहिक चेतना जागृत जगाने की कोशिश की है।
दीए जलाने का पैराणिक महत्व
दीये या मोमबत्ती जलाने का पौराणिक महत्व है। दिया रोशनी का प्रतीक है। अंधकार से प्रकाश का परिचायक है, नई ऊर्जा का संदेश देता है। दीया जलाने से नकारत्मकता ऊर्जा का नाश होता है। वातावरण में सकारात्म ऊर्जा का संचार होता है, जो इस सकंट की घड़ी में बेहद आवश्यक है। वहीं प्राकृतिक तेल का दिया मोमबत्ती जलाने से प्रदूषण भी कम होता है।