सुप्रीम कोर्ट ने RBI से पूछा, लोगों को क्यों नहीं मिल रहा कम ब्याज दर का फायदा?
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से पूछा है कि ब्याज दरें घटाने का लाभ प्लोटिंग रेट पर लोन लेने वालों को क्यों नहीं दिया जा रहा है। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने आरबीआई से कहा कि जो भी निर्देश बैंकों को दिए गए हैं उनकी जानकारी 6 हफ्ते के भीतर याचिकाकर्ता को दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों से फ्लोटिंग दर पर कर्ज लेने वाले ग्राहकों को ब्याज दर में कमी का फायदा देने में देरी के खिलाफ की गई शिकायत पर सुनवाई करते हुए आरबीआई से जवाब मांगा है। लोक न्यास मनीलाइफ फाउंडेशन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को लेकर आरबीआई के फैसले के बाद भी बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं ब्याज दरों में कमी लाने में सुस्त रवैया अपनाती हैं।
ये भी पढ़ें: गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों पर हमले के पीछे राहुल गांधी ने बताई ये वजह
लोक न्यास मनीलाइफ फाउंडेशन ने कहा है कि ग्राहकों को ब्याज दरों में कमी का फायदा देने में देरी की जाती है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अगर न्यास आरबीआई के जवाबों से संतुष्ट नहीं होता है तो फिर से कोर्ट आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर देश में बैंकिंग कंपनियों द्वारा आरबीआई (कर्ज पर ब्याज दर) मास्टर निर्देशन 2016 को लागू करने के तरीकों को चुनौती दी गई थी।
ये भी पढ़ें: सेंसेक्स-निफ्टी की वापसी से शेयर बाजार में रौनक, रुपए की हालत में भी सुधार