नौकरीपेशा के लिए बड़ी खबर! PF खाते को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये फैसला, आपकी टेक होम सैलरी पर पड़ेगा असर
नई दिल्ली। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपका PF अकाउंट भी जरूर होगा। देश की सर्वोच्च अदालत ने भविष्य निधि को लेकर अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने पीएफ कैलकुलेशन को लेकर अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि कंपनियां कर्मचारियों की बेसिक सैलरी से 'स्पेशल अलाउंस' को अलग नहीं कर सकती हैं। मतलब ये कि कर्मचारियों के PF डिडक्शन के कैलकुलेशन के लिए उन्हें उनकी बेसिक सैलरी में स्पेशल अलाउंस को भी शामिल करना होगा।
PF खाते को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
नौकरीपेशा कर्मचारियों के पीएफ कैलकुलेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कंपनियों को कर्मचारियों के पीएफ कैलकुलेशन में उनकी बेसिक सैलरी में स्पेशल अलाउंस को शामिल करना होगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला से कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ सकता है, हालांकि उन कर्मचारियों पर कोई असर नहीं होगा, जिनकी बेसिक सैलरी और स्पेशल अलाउंस हर महीने 15,000 रुपए से ज्यादा हैं। 15 हजार रुपये तक की बेसिक सैलरी और अलाउंसेज वालों के लिए ही लागू होगा। इससे ज्यादा वेतन वालों के लिए पीएफ में योगदान अनिवार्य नहीं है।'
टेक होम सैलरी पर असर
सुप्रीम कोर्ट के पैसला का असर उनकी सैलरी पर नहीं पड़ना है, जिनकी बेसिक सैलरी और स्पेशल अलाउंस 15000 रुपए से अधिक है। अगर आपकी सैलरी 20000 रुपए है , जिसमें बेसिक सैलरी 6000 रुपए, स्पेशल अलाउंस 12000 रुपए है तो आपको पीएफ 6000 रुपए पर नहीं बल्कि 18000 रुपए पर कैलकुलेट किया जाएगा। मतलब ये कि आपके स्पेशल अलाउंस को बेसिक सैलरी में एड करने के बाद पीएफ कैलकुलेशन करने से आपकी टेक होम सैलरी कम हो जाएगी। मतलब कि आपका ज्यादा पैसा पीएफ खाते में जाएगा।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
दरअसल कई कंपनियां वैधानिक न्यूनतम वेतन वालों का पीएफ नहीं जमा करवा रहे थी, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट में ये फैसला आया। कोर्ट ने ऐसे मामलों में पीएफ डिडक्शन लागू करने का नियम लागू करने का सुझाव दिया जिनमें कुल वेतन ज्यादा, लेकिन मूल वेतन कम है। ऐसे मामलों में स्पेशल अलाउंस को बेसिक सैलरी में एड कर पीएफ कंट्रीब्यूशन देने का आधार बनाया गया। हालांकि इस फैसले से कुछ एंप्लॉयीज की टेक होम सैलरी कम हो जाएगी।