नई दिल्ली। पहले से ही वित्तीय परेशानियों से घिरी जेपी इंफ्राटेक को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी दया दिखाए बगैर कंपनी को 2000 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश दिया है। जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित करने को लेकर हुई पिछली सुनवाई में ही सुप्रीम कोर्ट ने 2000 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश दे दिया था, जिसे इस बार भी सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। पिछली बार के फैसले के बाद जेपी इंफ्राटेक ने कोर्ट से राहत की गुहार लगाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी राहत नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को लेकर याचिका पर सुनवाई से इनकार किया और कहा कि कोर्ट अपने पुराने आदेश में कोई संशोधन नहीं करेगा। कोर्ट ने कहा कि जेपी इंफ्राटेक घर खरीददारों के पैसे उन्हें देने से बच नहीं सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जेपी इंफ्राटेक को ये 2000 करोड़ रुपए जमा करने के लिए 27 अक्टूबर तक का वक्त दिया है। 27 अक्टूबर को ही इस मामले की अगली सुनवाई होगी। आपको बता दें कि इससे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ भी यह कह चुकी है कि अगर कंपनी बंगाल की खाड़ी में डूबती है तो डूब जाए, हमें घर खरीददारों की फिक्र है।
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