शेयर बाजार में कोहराम और सेंसेक्स 463 अंक गिरने के बड़े कारण, जानिए
नई दिल्ली- भारतीय स्टॉक मार्केट गुरुवार को फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों की वजह से ताश के पत्तों की तरह धाराशाही हो गया। अगस्त के पहले कारोबारी दिन ही इतने बड़े झटके की मार से उबरना बहुत भारी पड़ सकता है, क्योंकि घरेलू बाजार जुलाई महीने में 2002 के बाद से सबसे बड़ा कहर पहले ही झेल रहा है। निवेशकों में बिकवाली के लिए घबराहट की सबसे बड़ी वजह ये भी रही कि दुनिया के बड़े देशों में सबसे ज्यादा मार भारत ने ही झेली थी। बाजार बंद होने तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 462.80 अंक या 1.23% गिरकर 37,018.32 पर बंद हुआ। जबकि, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 105.40 अंक या 1.24% गिरकर 10,980 अंकों पर बंद हुआ। निफ्टी में 11,000 अंकों के स्तर से नीचे की यह गिरावट इस साल एक मार्च के बाद पहलीबार देखने को मिली है। मोटे तौर पर देखा जाय तो भारत के डोमेस्टिक स्टॉक में बड़ी गिरावट की बड़ी वजहें बताई जा सकती हैं।
फेड चेयरमैन की टिप्पणी
अमेरिकी फेड ने रातोंरात पॉलिसी रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की। लेकिन, फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने बताया कि रेट में कटौती पॉलिसी की मिड-साइकिल एडजस्टमेंट है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की खबर के मुताबिक इसके बाद बाजार को लगा कि आगे बहुत ज्याद कटौती हो यह जरूरी नहीं। फिर बाद में उन्होंने कह दिया कि बुधवार की कटौती भविष्य में होने वाली कटौती सीरीज की शुरूआत नहीं है। इसने निवेशकों में निराशा फैला दी।
एशिया और यूरोप में आतंक
दोपहर तक यूरोपीय स्टॉक भी वॉल स्ट्रीट और एशियाई बाजारों की तरह लाल निशान पर कारोबार करने लगे। फेड की बातों से अमेरिका में भविष्य में होने वाली कटौतियों पर विराम लग चुका था। पैन-यूरोपियन बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स एसटीओएक्सएक्स 600 अंक यानी 0.2% गिर गया। तेल, लौह-अयस्क और तांबे की कीमतें गिरने से एनर्जी और मानिंग की बड़ी कंपनियों के शेयर में सबसे ज्यादा पैसे निकाले गए। दिन की शुरुआत में भारत के अलावा एशियाई बाजारों में 1% तक गिरावट दर्ज की गई।
ओवरफ्लो वल्नर्बिलिटी
मिलीजुली आय और बाजार के मूड के विपरीत हालिया बजट ने भारत को विदेशी आउटफ्लो के लिए असहज बना दिया है। आंकड़े बताते हैं कि एफपीआई ने जुलाई में 11,000 करोड़ रुपये कीमत के घरेलू शेयर निकाल लिए हैं।
कमजोर रुपया
सबसे ज्यादा नुकसान डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में आई 41 पैसों की गिरावट ने किया है। गुरुवार को एक रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले 69.20 रुपया तक गिर गया। पिछले सत्र में यह 68.79 रुपये था। गौरतलब है कि रुपये की कीमत में गिरावट निवेश के लिए काफी नुकसानदेह साबित होता है।
आखिर में बाजार का ये हाल रहा
30 स्टॉक वाले सेंसेक्स में से सात हरे और 23 लाल निशान पर बंद हुए। सबसे खराब हाल वेदांता के शेयरों के रहे और सबसे अच्छी परफॉर्मेंस मारुति सुजुकी की रही। टाटा मोटर्स, एसबीआई, भारती एयरटेल और इंफोसिस भी वेदांता की तरह ज्यादा प्रभावित हुए और उनके शेयर 6 फीसदी तक गिर गए। जो स्टॉक थोड़े ठीकठाक स्थिति में बंद हुए उनमें रिलायंस इंडिया लिमिटेड, पावर ग्रिड, हीरो मोटोकॉर्प और बजाज ऑटो के स्टॉक्स शामिल हैं। बीएसई मेटल इंडेक्स को 3.37% का नुकसान हुआ, उसके बाद टेलिकॉम, आईटी और बैंकेक्स के इंडेक्स रहे। लेकिन, बीएसई एनर्जी का परफॉर्मेंस सबसे बेहतर रहा।
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