नई दिल्ली। प्रॉपर्टी के आसमान छूते दामों की वजह से होम लोन लेकर अपने घर का सपना पूरा करना जरूरी हो गया है। आजकल हर किसी के पास इतना पैसा नहीं होता है कि वो नगद राशि देकर अपना घर खरीद पाए। ऐसे में होम लोन ही काम आता है। हालांकि, आपको घर की कीमत का 80 प्रतिशत ही लोन मिल पाता है। इसलिए आपको स्टॉप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन और ब्रोकरेज जैसे खर्चों के साथ-साथ डाउन पेमेंट के पैसों का भी इंतज़ाम करना पड़ता है। इसकी वजह से जेब पर बोझ बढ़ जाता है। अगर आप अपने लिए सही होम लोन चुनते हैं तो इससे आपके ऊपर आर्थिक परेशानियों का बोझ कम हो जाता है और आप पैसों की बचत भी कर पाते हैं।
अपने होम लोन को सही तरीके से मैनेज करने के कुछ टिप्स-
कंपेटिटिव
होम
लोन
इंट्रेस्ट
रेट
चुनें
होम
लेने
में
सबसे
ज़्यादा
इस
बात
का
ध्यान
रखें
कि
आप
जहां
से
लोन
ले
रहे
हैं
उनकी
ब्याज
दर
कम
से
कम
हो
और
लोन
की
शर्तें
भी
ज़्यादा
मुश्किल
ना
हों।
मार्कट
में
चल
रही
होम
लोन
की
ब्याज
दर
के
बारे
में
रिसर्च
करें।
इससे
आपको
पता
चल
पाएगा
कि
आपकी
ज़रूरत
के
हिसाब
से
किस
बैंक
से
लोन
लेना
बेहतर
रहेगा।
बैंक
द्वारा
दी
गई
ब्याज
दर,
शुल्क
और
अतिरिक्त
लाभ
और
अवधि
के
अनुसार
घरेलू
ऋण
प्रस्तावों
को
सुनिश्चित
ज़रूर
करें।
इसके
लिए
आप
होम
लोन
ईएमआई
कैलकुलेटर
का
भी
इस्तेमाल
कर
सकते
हैं
जो
आपको
घर
की
कीमत
के
हिसाब
से
ब्याज
दर,
समयावधि
हिसाब
करके
ईएमआई
बता
देगा।
अपने लिए सही ईएमआई चुनने के लिए आप इस कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं। होम लोन लेने से पहले ये काम ज़रूर कर लें क्योंकि इसकी मदद से आप बिना किसी समझौते के अपने लिए सही डील का चुनाव कर पाएंगे।
बजाज फिनसर्व 3.5 करोड़ तक का होम लोन कम ब्याज दरों पर दे रहा है। इस लोन को आप 25 साल तक चुका सकते हैं। आप प्री अप्रूव होम लोन ऑफर भी चैक कर सकते हैं।
टैक्स
छूट
ना
भूलें
आयकर
अधिनियम
के
तहत
घर
का
मालिक
होने
के
नाते
आप
अपने
होम
लोन
पर
टैक्स
में
छूट
की
मांग
कर
सकते
हैं।
होम
लोन
टैक्स
का
फायदा
आप
और
आपके
पार्टनर
दोनों
के
लिए
ही
एक
समान
होता
है।
अगर
आप
होम
लोन
लेने
के
बारे
में
सोच
रहे
हैं
तो
पहले
से
ही
प्लान
करें
ताकि
बचत
के
लिए
आप
टैक्स
में
छूट
पा
सकें।
आप
आयकर
अधिनियम
की
धारा
80
सी
के
तहत
एक
वर्ष
में
अपने
गृह
ऋण
पर
प्रिंसिपल
राशि
में
15
लाख
रुपये
तक
का
भुगतान
कर
सकते
हैं।
निर्माणाधीन प्रॉपर्टी पर आप इस लाभ का दावा नहीं कर सकते हैं। लेकिन आप स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन में इस अधिनियम के तहत छूट ले सकते हैं। इसके अलावा, आप आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत होम लोन पर ब्याज भी वापस लेने की मांग कर सकते हैं।
अगर आप खुद उस प्रॉपर्टी में रहते हैं तो आपको 2 लाख रुपए तक की छूट मिल सकती है। उस प्रॉपर्टी का निर्माण कार्य 5 साल के अंदर हो जाना चाहिए। अगर इस समयावधि में कार्य पूरा नहीं हो पाता है तो आप बस 30,000 तक की राशि के लिए क्लेम कर सकते हैं।
इसके अलावा अगर आप पहली बार घर खरीद रहे हैं तो आप अनुच्छेद 80 ईई के तहत 50,000 रुपए तक की छूट पा सकते हैं। हालांकि, इस लाभ को पाने के लिए आपको 50 लाख से कम कीमत का घर खरीदना होगा और आपकी लोन की राशि 35 लाख से कम होनी चाहिए।
होम
लोन
का
पूर्व
भुगतान
करें
बड़ी
बचत
के
लिए
आप
नियमित
पूर्व
भुगतान
कर
सकते
हैं।
हर
बार
प्रीपेमेंट
करने
से
आपकी
मुख्य
राशि
घटनी
शुरु
हो
जाएगी।
इससे
आपके
होम
लोन
की
ब्याज
दर
भी
कम
होगी।
लोन
देने
वाली
कंपनी
आपको
दो
विकल्प
देगी।
आपको
इसमें
या
तो
ईएमआई
कम
करनी
होगी
या
समयावधि।
दोनों
ही
तरीकों
से
बचत
आपकी
ही
होगी।
होम
लोन
प्रीपेमेंट
कैलकुलेटर
के
ज़रिए
आप
जान
सकते
हैं
कि
पूर्व
भुगतान
करने
से
आपको
कितना
फायदा
होगा।
पूर्व
भुगतान
से
ना
सिर्फ
आपका
कर्ज़
कम
होगा
बल्कि
आपका
क्रेडिट
स्कोर
भी
बेहतर
होगा।
इन
टिप्स
को
ध्यान
में
रखकर
आप
अपने
होम
लोन
को
सस्ता
और
सहज
बना
सकते
हैं।
लोन
में
अपने
कर्ज़
और
रीपेमेंट
के
समय
इन
बातों
का
ध्यान
ज़रूर
रखें।