बजट डे पर शेयर बाजार में पिछले 11 वर्ष की सबसे बड़ी गिरावट, जानिए क्या है वजह
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को देश का आम बजट पेश किया। लेकिन इस बजट के पेश होने के बाद निवेशकों में जबरदस्त निराशा छा गई, जिसका सीधा असर शेयर बाजार पर देखने को मिला। आम बजट के बाद शेयर बाजार ने 11 वर्ष में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की। बजट पेश होने के बाद शेयर बाजार मे 2.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली जोकि जुलाई 2009 के बाद अबतक की सबसे बड़ी गिरावट है। उस वक्त के तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने जब जुलाई 2009 में आम बजट पेश किया था तो शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी।
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रिकॉर्ड गिरावट
शेयर बाजार में एक दिन के भीतर कुल 1092 इंट्रा डे की गिरावट दर्ज की गई जोकि कुल तकरीबन 988 अंक है, जिसके चलते शेयर बाजार 39735.53 अंक पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निफ्टी में 2.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 11661 अंक पहुंच गया। जिस समय भारत की अर्थव्यवस्था अपने कमजौर दौर से गुजर रही है और आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी है, ऐसे में शेयर बाजार में यह गिरावट भारी निराशा लेकर आया। शेयर बाजार में भागीदारी लेने वाले लोगों में इस बात को लेकर भारी निराशा है कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार की ओर से पुख्ता कदम नहीं उठाए गए हैं।
सरकार ने नहीं की बड़ी घोषणा
जियोजिट फाइनेंशियल सर्विसेज के एमडी सीजे जॉर्ज ने बताया कि यह बजट ऐसे में पेश किया गया है जब लोगों में इस बात की चिंता है कि देश की अर्थव्यवस्था कमजोर है और आर्थिक विकास की दर गम हुई है, लिहाजा लोग उम्मीद कर रहे थे कि इसे पटरी पर लाने के लिए सरकार की ओर से पुख्ता कदम उठाए जाएंगे। लेकिन बजट में इस तरह का कोई एलान नहीं किया गया, सरकार की ओर से किसी भी तरह का कोई पुख्ता कदम नहीं उठाया गया जिससे कि विकास फिर से पटरी पर लौटे। यही वजह है कि शेयर बाजार में यह गिरावट देखने को मिली है।
सरकार के इन कदमों से निराशा
आईआईएफ के चेयरमैन निर्मल जैन ने बताया कि जिस तरह से डीडीटी को खतक्म किया गया, उससे विदेशी निवेशकों को लाभ होगा, लेकिन शेयर होल्डर्स के लिए यह नुकसान है क्योंकि उन्हें टैक्स देना होगा। इसके अलावा शेयर बाजार में गिरावट की दूसरी बड़ी वजह यह है कि सरकार ने नई कर प्रणाली पेश की जिसमे लोगों को 80 सी में मिलने वाली छूट को खत्म कर दिया गया। निवेशक टैक्स बचाने के लिए अलग-अलग योजनाओं, बीमा आदममी में निवेश करते हैं ताकि उन्हें 80 सी के तहत मिलने वाली छूट मिल सके।
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