शक्तिकांत दास को आरबीआई गवर्नर बनाने पर अर्थशास्त्री बनर्जी ने की आलोचना, जानिए क्या कहा
नई दिल्ली। भारतीय अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी मंगलवार को पूर्व आईएएस शक्तिकांत दास को भारतीय रिजर्व बैंक का नया गवर्नर बनाये जाने के कदम की कड़ी आलोचाना की। उन्होंने चेताया कि यह फैसला अहम संस्थानों के संचालन मामले में "भयभीत" करने वाले सवाल खड़े करता है। मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर ने रिजर्व बैंक जैसे सभी अहम संस्थानों की विश्वसनीयता को मजबूत करने की वकालत की है।
दास की नियुक्त के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी की पहली प्रतिक्रिया थी कि हमें संचालन के संभावित परिणाम को लेकर "फिक्रमंद" होना चाहिये। पटेल के इस्तीफे पर बनर्जी ने कहा, "अगर यह संस्थागत तनाव का संकेत है तो हमें चिंता करनी चाहिये।" आपको बता दें कि दास की नियुक्ति गवर्नर के पद पर तीन साल के लिए की गई है। उनके नाम पर मंगलवार को मुहर लगाने के साथ नियुक्ति प्रक्रिया को तेज किया गया। ब्याज दरें तय करने के लिए मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के गठन में दास की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
गवर्नर
बनने
के
बाद
उन्हें
उनमें
से
कुछ
मुद्दों
का
विरोध
करना
पड़
सकता
है,
जिसका
सरकार
में
रहते
हुए
उन्होंने
समर्थन
किया
था।
सूत्रों
ने
बताया
कि
वह
जल्द
ही
गवर्नर
का
पद
संभालेंगे
क्योंकि
यह
अभी
खाली
पड़ा
हुआ
है।
शक्तिकांत
दास
वर्ष
1980
बैच
तमिलनाडु
कैडर
के
आईएएस
अधिकारी
हैं।
वे
दिल्ली
विश्वविद्यालय
से
इतिहास
में
स्नात्कोत्तर
(ग्रैजुएट)
हैं,
लेकिन
अपने
37
वर्ष
लंबे
कार्यकाल
में
वह
राज्य
अथवा
केन्द्र
में
ज्यादातर
आर्थिक
एवं
वित्त
विभागों
में
ही
तैनात
रहे।
जानिए शक्तिकांत के दास के बारे में
- नवंबर 2016 में नोटबंदी की घोषणा के समय ज्यादातर समय शक्तिकांत दास ही मीडिया के सामने आते थे। वित्त मंत्रालय में वह पहली बार 2008 में संयुक्त सचिव के तौर पर आए, जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे।
- इसके बाद यूपीए सरकार में जब प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला, तब भी वह इसी मंत्रालय में डटे रहे और पहले संयुक्त सचिव के तौर पर और फिर अतिरिक्त सचिव के रूप में लगातार पांच साल वह बजट बनाने की टीम का हिस्सा रहे।
- दास को दिसंबर 2013 में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में सचिव बनाया गया, लेकिन मई 2014 में केन्द्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्हें वापस वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव बनाया गया।
- पहले वह मोदी सरकार में कालेधन के खिलाफ लिए गए फैसलों में शामिल रहे और उसके बाद जीएसटी को लागू करने में आम सहमति बनाने में उन्होंने अहम भूमिका + निभाई।
- दास ने नोटबंदी के बड़े झटके के दौरान सरकार का बचाव करते हुए न केवल आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि अर्थव्यवस्था में 500 और 2,000 रुपये का नया नोट जारी करने और इसकी आपूर्ति बढ़ाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई।
- शक्तिकांत दास को एक शांत स्वभाव के व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। वह अपना आपा कभी नहीं खोते हैं और आम सहमति से समाधान निकालने में विश्वास रखते हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक में गवर्नर की भूमिका में वह आम सहमति से काम आगे बढ़ा सकते हैं।
- बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने परोक्ष रूप से आरोप लगाया था कि उन्होंने महाबलिपुरम (तमिलनाडु) में एक जमीन को हड़पने के मामले में चिंदबरम की मदद की है। यह उनके पूरे कार्यकाल में लगा आरोप था। यह मामला उस समय का बताया गया जब दास तमिलनाडु में उद्योग सचिव थे। उस समय वित्त मंत्री जेटली ने दास का पूरा बचाव किया था और कहा था कि ' यह एक अनुशासित सरकारी अधिकारी के खिलाफ अनुचित और असत्य आरोप है।'
- रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के बीच कई मुद्दों पर खींचतान बनी हुई है। इनमें रिजर्व बैंक में कैपिटल रिजर्व की मात्रा, साथ ही छोटे एवं मध्यम उद्योग के अलावा कई क्षेत्रों में कर्ज देने के नियमों में उदारता आदि शामिल हैं।
- 10. शक्तिकांतदास निवर्तमान गवर्नर उर्जित पटेल के बाद रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर होंगे।