दिवाली से पहले सरकार लेकर आई सस्ता सोना खरीदने की शानदार स्कीम, 5,051 रुपए प्रति ग्राम होगी कीमत
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नई दिल्ली। भारत में सोने के लिए लोगों के बीच दीवानगी छिपी हुई नहीं है। देश के अंदर पिछले एक साल में खासकर कोरोना काल में सोने की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। अब भारत सरकार लोगों के लिए सस्ता सोना खरीदने का एक मौका लेकर आई है। सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत सातवीं सीरीज जारी करने जा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि गोल्ड बॉन्ड की कीमते 5,051 रुपए प्रति ग्राम तय की गई हैं।
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इन पांच दिनों में खरीद सकेंगे ये गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 सीरीज-7 का सब्सक्रिप्शन ऑफर सोमवार 12 अक्टूबर को खुलेगा और शुक्रवार 16 अक्टूबर को बंद होगा। सेटलमेंट डेट 20 अक्टूबर है। इसके लिए इश्यू प्राइस 5051 प्रति ग्राम है। रिजर्व बैंक की सहमति के बाद जो निवेशक ऑनलाइन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदेंगे उन्हें 50 रुपये की छूट मिलेगी। इसके लिए पेमेंट ऑनलाइन करना होगा। ऑनलाइन खरीदने वालों के लिए कीमत 5001 रुपये प्रति ग्राम होगी।
इस बार गोल्ड बॉन्ड का क्या है मूल्य
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी बयान में कहा है कि गोल्ड बॉन्ड का मूल्य 5,051 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है।ऑनलाइन खरीदने वालों के लिए कीमत 5001 रुपये प्रति ग्राम होगी। इससे पहले की बॉन्ड सीरीज-6 की इशू प्राइस 5117 रुपए प्रति ग्राम थी और यह सबक्रिप्शन 31 अगस्त से 4 सितंबर तक खुला था। आठवां सीरीज 9-13 नवंबर को आएगा। सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते हैं।
कितना निवेश कर सकते हैं
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का मूल्य प्रति ग्राम सोने के मल्टीपल के आधार पर निर्धारित होता है। यह बांड 8 साल में मैच्योर होता है। पांचवें साल में ब्याज भुगतान के दिन बॉन्ड से एक्जिट होने का अवसर मिलता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कोई व्यक्ति या संस्था कम से कम एक ग्राम सोने का निवेश करना होगा। अधिकतम निवेश की सीमा एक व्यक्ति के लिए एक कारोबारी साल में 4 किलोग्राम, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए भी 4 किलोग्राम और ट्रस्ट या उसके समान संस्थानों के लिए 20 किलोग्राम है।
कहां से खरीद सकते हैं गोल्ड बॉन्ड
गोल्ड बॉन्ड को बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसएचसीआईएल), निर्धारित डाक घरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (बीएसई और एनएसई) से खरीदा जा सकता है। इस योजना का मुख्य उद्येश्य सोने की फिजिकल मांग को कम करना है ताकि भारत के सोने के आयात को कम किया जा सके। यह स्कीम 2015 मे शुरु की गई थी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की अवधि आठ साल की होती है।
क्या हैं फायदा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग कर्ज लेने के लिये कोलैटरल के रुप में किया जा सकता है। ये बॉन्ड रिजर्व बैंक द्वारा जारी किये जाते हैं इसलिए निवेशक इस बात का डर नहीं रहता है कि, बॉन्ड जारी करने वाली कंपनी दिवालिया या भाग ना जाए। इन बॉन्ड्स को एक्स्चेन्जों में ट्रेड किया जा सकता है। इसमें सोने की कीमतों में इजाफे के अलावा भी निवेशक को 2.5% की दर से अतिरिक्त ब्याज भी मिलता है।
कौन खरीद सकता है
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में वह व्यक्ति निवेश कर सकता है जो कि भारत में निवास करता हो, वह अपने स्वयं के लिए, किसी दूसरे व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से बॉन्ड धारक हो सकता है या फिर नाबालिग की ओर से भी इस गोल्ड बॉन्ड को खरीद सकता है। इसके अलावा हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्र्रस्ट्स, विश्वविद्यालय और चैरिटेबल संस्थान ही खरीद सकते हैं। आरबीआई की सालाना रिपोर्ट 2019-20 के मुताबिक लांच के बाद 37 किस्तों में सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से कुल 9,652.78 करोड़ रुपए (30.98 टन सोना) जुटाए हैं।
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