क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जंगल में मंगल के बीच क्या ये आर्थिक मंदी की आहट है?

Google Oneindia News

नई दिल्ली। सोमवार को जंगल से एक खुश कर देने वाली खबर आई थी। हिन्दुस्तान में बाघों की संख्या दोगुनी होकर 2967 हो गई लेकिन उसी दिन दलाल स्ट्रीट पर मानो सन्नाटा छा गया। शावकों की किलकारियों भर से शेयर मार्केट के निवेशकों पर मुस्कान नहीं बिखेरी जा सकती। सोमवार से सेंसेक्स में गिरावट का जो सिलसिला शुरू हुआ तो अब तक थमने का नाम नही ले रहा है। अकेले सोमवार को ही पिछले हफ्ते के मुकाबले सेंसेक्स में करीब 200 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी, जबकि निफ्टी भी 92 अंकों की गिरावट के साथ 11192 पर बंद हुआ था। सोमवार से शुरू हुआ गिरावट का ये सिलसिला आज भी जारी रहा। सेंसेक्स 462.80 की गिरावट के साथ 37,018.32 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी में 138 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और ये 10980 पर बंद हुआ।

जंगल में मंगल के बीच क्या ये आर्थिक मंदी की आहट है?

निफ्टी में पिछले पांच महीने की सबसे बड़ी गिरावट है जब वो 11 हजार से कम पर बंद हुआ है। एफपीआईएस अकेले जुलाई महीने में ही करीब 11 हजार करोड़ रुपए मार्केट से निकाल चुके हैं और इसकी मार अभी शेयर मार्केट पर जारी रहेगी, ऐसी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। मोदी सरकार के पूर्ण बजट के बाद शेयर बाजार में तो निराशा का माहौल है ही अर्थव्यवस्था के अन्य पैरामीटर्स से जो संकेत मिल रहे हैं वो भी अर्थव्यवस्था की पतली होती हालत की तरफ इशारा कर रहे हैं। नजर डालते हैं आर्थिक मंदी के कुछ अशुभ संकेतों पर।

जुलाई में बारिश के बीच शेयर बाजार ने रुलाया

जुलाई में बारिश के बीच शेयर बाजार ने रुलाया

इस साल जुलाई शेयर बाजार के लिए 17 साल में सबसे खराब रहा है। इससे पहले 2002 में शेयर बाजार का जुलाई में हाल रहा था। जुलाई महीने में जहां निफ्टी 5.68 फीसदी टूटा वहीं सेंसेक्स 4.86 फीसदी टूटा था। वहीं जुलाई 2002 में निफ्टी करीब 9.3 फीसदी और सेंसेक्स करीब 8 फीसदी तक टूट गया था। वैसे शेयर बाजार में माना जाता है कि जुलाई का महीना तेजी का रहता है, लेकिन इस बार यह भ्रम टूट गया। जहां तक गिरावट के कारण हैं तो मॉनसून में देरी, कंपनियों के खराब नतीजे और सुस्त आर्थिक ग्रोथ जैसे कारण बताए जा रहे हैं।

निफ्टी में 50 शेयर हैं, जिनमें से जुलाई 2019 में 45 शेयर में गिरावट रही। केवल 5 शेयर ही पॉजिटिव रहे। जिन पांच शेयरों का रिटर्न पॉजिटिव रहा है उनमें एशियन पेंट्स, इंफोसिस, सन फार्मा, कोटक बैंक और पॉवर ग्रिड शामिल हैं। वहीं जुलाई में सबसे ज्यादा पिटने वाले शेयरों में टाइटन, टाटा मोटर्स, कोल इंडिया, गेल, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, आइसर मोटर्स, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा और यस बैंक जैसे शेयर शामिल हैं।

<strong>इसे भी पढ़ें:- शेयर बाजार में कोहराम और सेंसेक्स 463 अंक गिरने के बड़े कारण, जानिए</strong>इसे भी पढ़ें:- शेयर बाजार में कोहराम और सेंसेक्स 463 अंक गिरने के बड़े कारण, जानिए

ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा मंदी

ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा मंदी

सरकार ने ई व्हीकल को बढ़ावा देने के तो तमाम उपाय किए हैं लेकिन ऑटो सेक्टर को उबारने की कोई कोशिश नहीं की गई है। पिछले एक साल से लगातार कार की बिक्री में लगातर गिरावट दर्ज की जा रही है। प्रॉफिट कम और लागत बढ़ने से कार कंपनियों ने अपने शो रूम बंद करना शुरू कर दिया है। ऐसा होने से कार कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी की जा रही और इससे अब तक करीब 25 हजार लोगों को अपनी नौकरियां खोनी पड़ी हैं।

बजाज के दर्द की वजह

बजाज के दर्द की वजह

ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनी के मुखिया और वरिष्ठ उद्योगपति राहुल बजाज भी सरकार की नीतियों से नाराज हैं। उन्होंने ऑटो सेक्टर में लगातार घट रही मांग के लिए सरकार की निष्क्रियता को जिम्मेदार माना। उन्होंने दावा किया कि सरकार चाहे माने या ना माने आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक के आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन-चार साल में भारत की विकास दर में गिरावट आई है। अपनी कंपनी की सालाना एजीएम को संबोधित करते हुए बजाज ने कहा कि ना मांग है और ना कोई नया निवेश है तो ऐसे में विकास क्या स्वर्ग से टपकेगा।

कोर सेक्टर की ग्रोथ घटी

कोर सेक्टर की ग्रोथ घटी

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार को बड़ा झटका लगा है। आठ प्रमुख उद्योगों की रफ्तार ने तगड़ा झटका दिया है। जून में कोर सेक्टर की ग्रोथ घटकर 0.2 फीसदी पर आ गई। कोर सेक्टर में गिरावट की अहम वजह ऑयल से जुड़े सेक्टर और सीमेंट उत्पादन में भारी सुस्ती रही। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आठ प्रमुख उद्योग कोल, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं। पिछले साल जून में इनकी ग्रोथ 7.8 फीसदी दर्ज की गई थी। सरकार ने हाल ही में मई के आंकड़ों को संशोधित करके 5.1% बताया था।

Comments
English summary
Sensex crashes Is this an economic Slowdown
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X