सेबी ने इन्फोसिस पर कसा शिकंजा, पूछा- व्हिसल ब्लोअर शिकायतों का खुलासा क्यों नहीं किया?
मुंबई। देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस के सीईओ और सीएफओ पर गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद मामला सेबी और बीएसई के पास पहुंच गया है। बीएसई ने बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी फर्म इंफोसिस को यह बताने के लिए कहा कि उसने व्हिसल ब्लोअर शिकायतों का खुलासा क्यों नहीं किया? जिसमें आरोप लगाए गए थे कि, कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने शॉर्ट टर्म प्रॉफिट बढ़ा हुआ दिखाने और खर्चों को कम दिखाने के लिए अनियमतिताएं की हैं।
कंपनी में काम करने वाले कुछ गुमनाम कर्मचारियों ने 17 सितंबर को बोर्ड को एक खत लिखा था, जिसमें सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय पर पिछली दो तिमाहियों (अप्रैल-सितंबर) में मैनेजमेंट और अकाउंटिंग में कई तरह की गड़बड़ियां करने का आरोप लगाया था। दोनों पर आरोप था कि उन्होंने शॉर्ट टर्म प्रॉफिट बढ़ा हुआ दिखाने और खर्चों को कम दिखाने के लिए अनियमतिताएं की थीं। बोर्ड से कोई जवाब ना आने पर व्हिसल ब्लोअर्स ने 3 अक्टूबर को अमेरिका के व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन प्रोग्राम के पास खत भेजा था।
व्हिसल ब्लोअर ने कहा कि पारेख ने बड़े सौदों की समीक्षा रिपोर्ट नजर अंदाज की। ऑडिटर और कंपनी बोर्ड से मिली सूचनाएं छिपाईं। बोर्ड और ऑडिटर की मंजूरी लिए बिना 'निवेश नीति और अकाउंटिंग' में बदलाव किए ताकि शॉर्ट टर्म में इन्फोसिस का मुनाफा ज्यादा दिखे। व्हिसल ब्लोअर ने इस मामले से जुड़े ई-मेल और वॉइस रिकॉर्डिंग होने का दावा किया है। साथ ही कहा- हमें उम्मीद है कि इन्फोसिस का बोर्ड इस मामले में उचित जांच कर कार्रवाई करेगा।
सोमवार को व्हिसलब्लोअर्स की शिकायतें सामने आने के बाद मंगलवार को कंपनी के शेयर 17% तक गिर गए थे। कंपनी के एमडी और चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा कि इस मामले की गहन जांच होगी। लेकिन अब जानकारी है कि मामला सेबी के पास भी जा सकता है। बोर्ड इंफोसिस मैनेजमेंट से इन आरोपों पर सफाई मांग सकता है।
अमेरिका की इमरान को चेतावनी, कश्मीर में आतंकवाद फैलाना बंद करे पाक