आम्रपाली मामले में SC की सुनवाई पूरी, नोएडा-ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को प्रोजेक्ट सौंपने पर फैसला सुरक्षित
आम्रपाली मामले में SC की सुनवाई पूरी,फैसला रखा सुरक्षित
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली मामले में बिल्डर के अधूरे प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी नोएडा- ग्रेटर नोएडा को सौंपने को लेकर अब तक फैसला नहीं किया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि अथॉरिटी आम्रपाली के ज़मीनों का लीज़ रद्द कर कब्ज़ा ले और बिल्डर्स की मदद के अधूरे पड़े प्रोजेक्ट का काम पूरा लोगों को उनका घर सौंपे।
कोर्ट ने आम्रपाली के 15 प्रमुख आवासीय परियोजनाओं का मालिकाना हक नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को सौंपाने के अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने अथॉरिटी से ये भी पूछा है कि वह प्रोजेक्ट का काम किस तरह से करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले आम्रपाली मामले में सुनवाई करते हुए बिल्डर के 15 प्रमुख आवासीय परियोजनाओं का मालिकाना हक नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को सौंपने की बात कही। आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट की वजह से 42,000 होम बायर्स परेशान है। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरुण मिश्र और यूयू ललित की खंडपीठ ने रियल एस्टेट कंपनी को फटकार लगाते हुए कहा कि बिल्डर ने अपनी मर्जी से 11,652 करोड़ रुपए होम बॉयर्स से वसूले और इनमें से केवल 10,630 करोड़ रुपए ही अपनी आवासीय परियोजनाओं के निर्माण में खर्च किए। कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली समूह ने न तो किसी प्रोजेक्ट को पूरा किया और न ही उसमें धन लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संपत्तियों से बिल्डर को अलग करने पर विचार करने की बात कही और कहा कि वह नोएडा और ग्रेटर नोएडा को यह कह सकते हैं कि आम्रपाली के अधूरे बचे प्रोजेक्ट को किसी और बिल्डर की मदद से पूरा करें और होम बायर्स को राहत दे।