अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस को लेकर बड़ी राहत दे सकता है भारतीय स्टेट बैंक
नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्राहकों को खास सौगात देने की योजना बना रहा है। एसबीआई आने वाले दिनों में अपने कस्टमर्स को अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने के मामले में राहत दे सकता है। बैंक यह कदम ऐसे समय में उठाने जा रहा है जब एसबीआई की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें अप्रैल से नवंबर 2017 के बीच न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने की वजह से ग्राहकों से 1,772 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया। वर्तमान में एसबीआई की शहरी शाखाओं में मिनिमम बैलेंस की सीमा 3000 रुपये है।
मिनिमम बैलेंस को लेकर एसबीआई ले सकता है बड़ा फैसला
भारतीय स्टेट बैंक न्यूनतम बैलेंस की बाध्यता की समीक्षा कर रहा है। केंद्र सरकार के दबाव में एसबीआई इस दिशा में कदम उठाते हुए अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने के मामले में राहत दे सकता है। एसबीआई मासिक औसत बैलेंस की जरूरत को अब तिमाही औसत बैलेंस में बदलने की तैयारी कर है। इसका मतलब साफ है कि ग्राहकों को हर महीने के बजाय तीन महीने पर अपने बैंक अकाउंट में निर्धारित न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना होगा। इससे उन ग्राहकों फायदा होगा जिनके अकाउंट में कभी कम अमाउंट होता है तो कभी ज्यादा अमाउंट हो जाता है।
ग्राहकों से 1,772 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया
एसबीआई ने जून में न्यूनतम बैलेंस की सीमा 5000 रुपये तय की थी हालांकि बाद में ग्राहकों की नाराजगी को देखते हुए उन्होंने इसमें बदलाव किया और शहरी इलाकों में बैंक की शाखाओं में न्यूनतम बैलेंस 3000 रुपये कर दिया। सेमी-अर्बन इलाकों की बैंक शाखाओं में न्यूनतम बैलेंस अमाउंट 2000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 1000 रुपये तय की थी। हालांकि अब एक बार फिर एसबीआई अपने ग्राहकों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है।
न्यूनतम बैलेंस की सीमा में हो सकती है कटौती
सूत्र बता रहे हैं कि बैंक न्यूनतम बैलेंस की सीमा 1000 रुपये कर सकता है, हालांकि अभी इस पर फैसला होना बाकी है। बैंक से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक अभी इस पर फैसला नहीं लिया गया है। फिलहाल एसबीआई की ओर से इस पर जल्द ही फैसला लिए जाने का अनुमान है।
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