एसबीआई का ग्राहकों को झटका, 0.2 फीसदी बढ़ाई एमसीएलआर दर, महंगा होगा लोन लेना
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बेंचमार्क लेंडिंग रेट और एमसीएलआर दरों में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि की है। एसबीआई की नई एमसीएलआर शनिवार (1 सितंबर) से लागू हो गई हैं। एमसीएलआर पहले 7.9 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 8.1 प्रतिशत हो गया है। एमसीएलआर बढ़ने से एसबीआई के ग्राहकों पर असर पड़ेगा। इससे अब होम लोन और दूसरे कर्ज की ब्याज दरें भी बढ़ जाएगी।
ये हुआ एमसीएलआर में बदलाव
बदलाव के बाद एसबीआई के एक रात और एक माह अवधि के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) 7.9 से बढ़कर 8.1 प्रतिशत हो गई है। एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर 8.25 प्रतिशत से बढ़कर 8.45 प्रतिशत और तीन साल की अवधि के लिए एमसीएलआर 8.45 प्रतिशत से बढ़कर 8.65 प्रतिशत हो गई है।
दूसरे बैंक भी बढ़ा सकते हैं एमसीएलआर!
सार्वजनिक क्षेत्र के देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के इस फैसले का असर दूसरे बैंकों पर भी देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अन्य बैंक भी एमसीएलआर में वृद्धि कर सकते हैं। एसबीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी किए जाने के बाद अपने एमसीएलआर में यह बढ़ोतरी की है।
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क्या है एमसीएलआर
एमसीएलआर वह दर होती है जिस पर किसी बैंक से मिलने वाले ब्याज की दर तय होती है। इससे कम दर पर बैंक लोन नहीं दे सकता है। अगर किसी बैंक की आधार दर 7 प्रतिशत है तो बैंक 7 प्रतिशत से नीचे धन कर्ज पर नहीं देगा। एमसीएलआर बढ़ने से बैंक ग्राहक का लोन महंगा हो जाता है और उसे पहले की तुलना में ज्यादा ईएमआई देनी पड़ जाती है।
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