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जनधन खाते बने एसबीआई के मुसीबत, देखरेख में खर्च हो गए 774 करोड़ रुपए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी जनधन योजना खुद सरकार और बैंकों के लिए ही मुसीबत बनती जा रही है।

By Sachin Yadav
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नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी जनधन योजना खुद सरकार और बैंकों के लिए ही मुसीबत बनती जा रही है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खुले जीरो बैलेंस(नो फ्रिल) खातों की देखरेख में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 31 दिसंबर 2016 तक कुल 774.86 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं।

जनधन खाते बने एसबीआई के मुसीबत, देखरेख में खर्च हो गए 774 करोड़ रुपए

जीरो बैलेंस खातों की संख्‍या 6.32 करोड़

लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि नोटबंदी की घोषणा के एक दिन बाद, 9 नवंबर 2016 तक देश में जीरो बैलेंस खातों की संख्या 5.93 करोड़ थी। वहीं, 28 दिसंबर 2016 तक ऐसे बैंक खातों की संख्या 6.32 करोड़ थी। केंद्रीय राज्‍य वित्‍त मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि 9 नवंबर 2016 तक जनधन खातों में कुल 45,636 करोड़ रुपए थे। वहीं 28 दिसंबर 2016 तक इन खातों कुल जमा बढ़ कर 71,036 करोड़ रुपए हो गए।

1.8 करोड़ जनधन खाते सक्रिय

नोटबंदी की घोषणा के बाद पहले 14 दिनों में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खुले बैंक खातों में जमा की जाने वाली राशि में 30 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी। जनधन खातों के दुरुपयोग के मामले सामने आने के बाद सरकार ने ऐसे खातों से नकद निकासी की सीमा 10 हजार रुपए तय कर दी थी। इसके बाद ऐसे खातों से निकासी में भारी कमी आई। एक अन्य सवाल के जवाब में संतोष कुमार गंगवार ने बताया कि 24 मार्च 2017 तक सार्वजनिक क्षेत्र, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और 13 निजी बैंकों में कुल 92,52,609 जनधन खाते पिछले एक साल में कोई भी लेन-देन न होने के कारण बंद हो चुके हैं। गंगवार ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और 13 निजी बैंकों में 15 मार्च 2017 तक कुल 28.02 करोड़ जनधन खाते थे। इनमें से 1.8 करोड़ जनधन खाते सक्रिय हैं और उनमें 5000 करोड़ रुपए जमा हैं।

जन धन खातों की देखरेख में हमकों काफी पैसा खर्च करना पड़ रहा

आपको बताते चले कि भारतीय स्‍टेट बैंक की मुख्यिा अरुधंति भट्टाचार्य ने कहा था कि जन धन खातों की देखरेख में हमकों काफी पैसा खर्च करना पड़ रहा है। इसके चलते ही एसबीआई ने शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में बैंक खातों में न्‍यूनतम बैलेंस रखने की राशि को भी बढ़ा दिया है।

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English summary
santosh kumar gangwar says in loksabha sbi spent rs 775 crore in maintaining jan dhan accounts
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