EPF: सरकार ने 12 से 10 फीसदी किया EPF शेयर, खर्च के लिए हाथ में ज्यादा रकम देने की कोशिश
नई दिल्ली। कोरोना संकट में आर्थिक तंगी के दौर से देश गुजर रहा है, इस बीच केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान करके अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद शुरू की है। इस पैकेज के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उद्योग जगत में तनाव को करने के लिए हमने हर तरह के प्रावधान किए हैं। उद्योग-धंधे फिर से शुरू हों और उन्हें किसी भी तरह के आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए सरकार ने ईपीएफ में मदद का फैसला लिया है।
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ईपीएफ 10 फीसदी
खर्च करने के लिए अधिक से अधिक पैसा पैसा हाथ में आए इसके लिए सरकार ने ईपीएफ को 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। उद्योगों और कर्मचारियों को 2500 करोड़ रुपए की मदद का सरकार ने ऐलान किया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज के तहत ईपीएफ में 12 फीसदी कंपनी और 12 फीसदी कर्मचारी के हिस्से का भुगतान सरकार करेगी। सरकार की ओर से तीन महीने तक यह लाभ दिया जाएगा। लोगों का इसका सीधा लाभ पहले मार्च, अप्रैल, मई की सैलरी में मुहैया कराया गया था। लेकिन अब इसका लाभ अगले तीन महीने तक के लिए और दिया जाएगा। सरकार द्वारा मुहैया कराई गई इस मदद का लाभ 3.67 लाख उद्योगों और 72.22 लाख कर्मचारियों को होगा।
अधिक सैलरी मिलेगी
लोगों के हाथ में अधिक पैसा आए इसके लिए सरकार ने बड़ी राहत दी है। ईपीएफ और पीएफ का अगले तीन महीने तक का भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 6750 करोड़ रुपए की मदद दी है। सरकार ने पीएफ योगदान जोकि कंपनी और कर्मचारी दोनों के लिए12-12 फीसदी था, उसे घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। इसका लाभ उन तमाम कंपनियों को होगा जोकि ईपीएफओ के तहत कवर्ड हैं। यह लाभ तीन महीने के लिए दिया गया है। हालांकि केंद्र और राज्य सरकार 12 फीसदी का सरकार द्वारा किए जाने वाले भुगतान को जारी रखेंगे। इसका लाभ 6.5 लाख यूनिट को होगा, जबकि 4.3 कर्मचारी सीधे इसे लाभान्वित होंगे।
पीएम ने किया था ऐलान
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री के साथ तमाम मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने कहा था कि बंगाल के लोग संघवाद का सम्मान करते हैं और दृढ़ता के साथ आपके साथ खड़े हैं, लेकिन मेरा विनम्र निवेदन है कि आप संघीय ढांचे को ना तोड़ें। संकट के इस समय में हमे इसे निपटना जरूरी है, हम लगातार ऐसा करते रहेंगे। लेकिन अगर आप फैसला लेने के बाद बैठक करेंगे तो इस तरह की बैठक का क्या फायदा है।
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