बंद हो सकता है 2000 रुपये का नोट, पूर्व वित्त सचिव ने दिए ये तर्क
नई दिल्ली। क्या सरकार 2000 के नोट को बंद करने पर विचार कर रही है? इस पर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ है लेकिन सरकार को 2000 रुपये के नोट बंद करने के लिए सुझाव जरूर मिला है। पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के हाल ही में गए कुछ सुझावों को अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पूरी तरह से मानती है, तो ऐसा जल्द होने की संभावना है। सुभाष चंद्र गर्ग ने गुरुवार को 72 पन्नों का एक नोट जारी करके सरकार को कई अहम सुझाव दिए हैं। इनमें दो हजार रुपये के नोट को बंद करने और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के निजीकरण की ओर ध्यान देने की बात कही गई है।
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72 पन्नों के नोट में पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने दी ये सलाह
सुभाष चंद्र गर्ग पहले वित्त मंत्रालय में सचिव थे, बाद में उनका तबादला उर्जा मंत्रालय में कर दिया गया। तबादले के बाद उन्होंने 31 अक्तूबर को स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति यानी वीआरएस के लिए आवेदन किया और फिर इसी के जरिए रिटायरमेंट ले लिया। पूर्व वित्त सचिव ने नोट जारी करके 2000 के नोट को बंद करने के अलावा और भी कई सुझाव सरकार को दिए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गर्ग ने अपने नोट में कहा, 'भारत की राजकोषीय प्रबंधन प्रणाली ऐसे नियमों का पालन करती है जो सही नहीं हैं और इससे घाटे का स्तर बढ़ता चला जाता है।'
'2000 रुपये का नोट बंद किया जाता है तो किसी को कोई नुकसान नहीं होगा'
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, 'बड़ी संख्या में 2000 रुपये के नोट वास्तव में प्रचलन में नहीं हैं, इन्हें जमा किया गया है। यही वजह है कि 2000 रुपये के नोट का इस्तेमाल वर्तमान में लेनदेन की प्रक्रिया में बेहद कम हो रहा। अगर यह नोट बंद किया जाता है तो इससे किसी को कोई नुकसान नहीं होगा।' यही नहीं उन्होंने सरकार से सभी सरकारी बैंकों का राष्ट्रीयकरण खत्म करने के साथ ही निजीकरण को बढ़ावा देने और आरबीआई के बजाय अपने खर्चों को खुद ही संभालने का सुझाव भी दिया है। इसके साथ ही बजट के बाद उधारी लेने को बंद करने के लिए भी कहा है।
क्या बंद हो जाएंगे 2000 के नोट?
सुभाष चंद्र गर्ग ने वित्त सचिव का पद छोड़ने से पहले 100 प्रमुख नीतियों और शासन एवं अर्थव्यवस्था में सुधार संबंधी सुझावों से जुड़ा ये नोट सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दिया था। 72 पन्नों के इस नोट में गर्ग ने कहा, उच्च ऋण स्तर 'हमारी क्रेडिट रेटिंग के लिए एक बाधा है' और राजस्व का बड़ा हिस्सा इन्हीं को चुकाने में खर्च हो जाता है। इसके अलावा गर्ग ने ऑफ बजट उधार, खाद्य एवं उर्वरक सब्सिडी के भुगतान आदि को खत्म करने की भी सिफारिश की है। गर्ग ने भूमि प्रबंधन निगम बनाने की सलाह भी अपने नोट में दी है।
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