RBI ने भंग किया DHFL का बोर्ड, जल्द शुरू होगी दिवालिया प्रक्रिया
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आबीआई) ने प्रशासनिक मुद्दों और डिफॉल्ट करने के चलते बुधवार को संकटग्रस्त डीएचएफएल के निदेशक बोर्ड को भंग कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने अपने एक बयान में कहा है कि वह जल्द ही डीएचएफएल के लिए दीवलिएपन की प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश करेगा। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक आर सुब्रमण्याम कुमार को डीएचएफएल का प्रशासक नियुक्त कर दिया है।
केंद्रीय बैंक ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक कानून, 1934 की धारा 45-आईई (1) का उपयोग करते हुए दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक बोर्ड को भंग किया जाता है और एक प्रशासक की नियुक्ति की जाती है।आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि डीएचएफएल द्वारा कई प्रशासनिक गड़बडि़यां करने और कई भुगतान देनदारियों में चूक करने की वजह से निदेशक मंडल को भंग करने का यह निर्णय लिया गया है।
केंद्रीय बैंक ने बताया कि इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ आर सुब्रमण्याम कुमार को कानून की धारा 45-आईई(2) के तहत डीएचएफएल का प्रशासक नियुक्त किया गया है। आरबीआई के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने ट्वीट किया कि यह काफी अच्छा हुआ है कि डीएचएफएल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को हटा दिया गया है और प्रशासक नियुक्त किया गया है। यह सही समय है कि दीवान ब्रदर्स को जेल में डाला जाए।
डीएचएफएल देश की तीसरी सबसे बड़ी गिरवी ऋणदाता कंपनी है। सरकार ने पिछले हफ्ते ही संकट में फंसी एनबीएफसी और कम से कम 500 करोड़ रुपये नेटवर्थ वाली एचएफसी के मामलों को दिवालिया अदालत में भेजने का अधिकार आरबीआई को देने का ऐलान किया था। आरबीआई ने एक बयान के माध्यम से यह जानकारी देते हुए कहा कि दिवालिया कानून, 2019 के तहत कंपनी के समाधान की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी और समाधान पेशेवर (आरपी) के तौर पर प्रशासक को नियुक्त करने के लिए एनसीएलटी से अनुरोध किया जाएगा।
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