RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा-अर्थव्यवस्था में सुधार पूरी रफ्तार में नहीं
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बाद अर्थव्यवस्था निचले स्तर पर पहुंच गई है। कोरोना संकट के कारण देश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण देश की इकोनॉमी को बड़ा झटका लगा। वहीं सरकार अब इस अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में लिए केंद्र सरकार जुटी हुई है। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार के प्रयासों के बीच आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश की इकोनॉमी को सुधारने के लिए जो भी कदम उठाने होंगे उसके लिए वो तैयार है ।
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फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में आई गिरावट को लेकर चिंता जताई। शक्तिकांत दास ने कहा कि अभी अर्थव्यवस्था में सुधार पूरी रफ्तार में नहीं पहुंचा है। इसमें वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए निजी सेक्टर को अहम भागीदारी निभानी होगी। वहीं उन्होंने पर्यटन सेक्टर को लेकर उम्मीद जताते हुए कहा कि इस क्षेत्र से काफी उम्मीदें हैं। शक्तिकांत दास का कहना है कि पर्यटन क्षेत्र आर्थिक वृद्धि का इंजन बन सकता है। इस सेक्टर को मौके का लाभ उठाने की जरूरत हैं।
उन्होंने कहा कि पहली तिमाही में GDP के आंकड़ों से दिख गया कि कोरोना का असर किस कदर तक अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के चंगुल में फंसी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जो भी कदम आवश्यक होंगे वो उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आरबीआई की ओर से लगातार बड़ी मात्रा में नकदी की उपलब्धता कराई जा रही है, ताकि कम दर पर आसानी से बड़े पैमाने पर कर्ज सुनिश्चित कराई जा सके। उन्होंने कहा कि नकदी की उपलब्धता से सरकार की उधारी लागत बेहद कम बनी हुई है । उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए निजी सेक्टर को अहम रोल निभाना होगा। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को अनुसंधान एवं नवोन्मेष, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जरूरत है।