RBI ने दिया बड़ा झटका, ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
नई दिल्ली। बजट के बाद पहले पॉलिसी रिव्यू में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।संसद में एक फरवरी को पेश किए गए बजट के बाद लोगों की नजरें मौद्रिक समीक्षा की बैठक के बाद आखिरी दिन ब्याज दरों के ऐलान पर थीं। एमपीसी के सभी 6 सदस्यों ने ब्याज दरों में बदलाव ना करने के पक्ष में अपना मत दिया। पहले ही ऐसे संकेत मिल रहे थे कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा रेपो रेट में बदलाव ना करने के फैसले के बाद होम लोन और सस्ते होने की गुंजाइश कम हो गई है। आरबीआई ने रेपो रेट को 5.15 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया। वहीं, बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6 फीसदी रहेगी। पहली छमाही में बैंक ने खुदरा महंगाई दर का अनुमान 5 फीसदी से 5.4 फीसदी किया है।
आरबीआई ने कहा कि अर्थव्यवस्था कमजोर बनी हुई है, उत्पादन का अंतर नकारात्मक है। बैंक ने कहा कि जब तक संभव है नीतिगत रुख को वह उदार रखेगा। एमपीसी ने माना है कि दिसंबर में महंगाई दर तय टार्गेट से आगे निकल गया है। इसकी बड़ी वजह प्याज की बढ़ी कीमतें हैं।
इसके पहले, खुदरा (रिटेल) महंगाई दर दिसंबर में बढ़कर 7.35% पहुंच गई थी। आरबीआई मौद्रिक नीति बनाते समय खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। मध्यम अवधि में आरबीआई का लक्ष्य रहता है कि खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी पर रहे। इसमें 2 फीसदी की कमी या इजाफा हो सकता है। दिसंबर में ये 6 फीसदी की अधिकतम रेंज से भी ऊपर पहुंच गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है।
कई महीने से आर्थिक मोर्चे पर आलोचना का सामना कर रही मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आई थी। आईएचएस मार्किट द्वारा संकलित निक्केई मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स के मुताबिक, साल 2020 के पहले माह यानी जनवरी में देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार हुआ है। मासिक सर्वेक्षण आईएचएस मार्किट के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स (मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई) जनवरी में 55.3 अंक रहा। यह आंकड़ा साल 2012 से 2020 की अवधि में सबसे ऊंचे स्तर पर है।