गैर-जरूरी सामानों की मांग में आई कमी, अमेजन और फ्लिपकार्ट को नहीं मिल रहे खरीदार
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन को चौथी बार बढ़ाकर 31 मई, 2020 तक के लिए जारी रखने का फैसला लिया गया है। इसी बीच देश में जब से लॉकडाउन लागू हुआ है तब से ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब गैर-जरूरी सामान जैसे फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन की मांग कम हो गई है। अमेजन और फ्लिपकार्ट सहित भारत के शीर्ष ऑनलाइन कंपनियों को गैर-आवश्यक उत्पादों के लिए खरीदार नहीं मिल रहे हैं। हालांकि इस बीच लॉकडाउन-4 में केंद्र सरकार ने ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों को बड़ी राहत दी है।
बता दें कि लॉकडाउन के पहले और दूसरे चरण में गैर-जरूरी सामनों की ऑनलाइन डिलीवरी को अनुमति नहीं थी, हालांकि तीसरे चरण में ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में इसकी अनुमति दी गई। इस दौरान कंपियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खर्च करने में संकोच और कोरोना वायरस के फैलाव के देखते हुए ऑनलाइन उपभोक्ता उच्च लागत की खरीद को टाल देते हैं। सूत्रों ने कहा कि आर्थिक संकट का डर भी एक कारण है जो महानगरीय क्षेत्रों रह रहे लोगों में फैला है। बड़े शहर भारत के ऑनलाइन वाणिज्य का दो-तिहाई हिस्सा है।
भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स फर्मों में से एक के वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा, पूरे देश में लॉकडाउन के चलते भी ई-कॉमर्स प्रतिबंधों का सामना कर रहा था लेकिन फिर भी हमारा हमारा मौजूदा अनुमान केवल 60-70% की मांग है। हालांकि अभी शुरुआती दिन हैं और जब चीजें बदलेंगी तो हम देख सकते हैं कि लोग केवल तभी खरीद रहे हैं जब कोई बड़ी आवश्यकता होती है। हालांकि राहत की बात यह है कि दिल्ली, मुंबई और बंगलौर सहित प्रमुख शहरों में गैर-जरूरी सामानों की बिक्री के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस को अनुमति का इंतजार था जो उन्हें मिल गया है। केंद्र की नई गाइडलाउन के मुताबिक अब रेड जोन में भी गैर-जरूरी सामानों की डिलीवरी को अनुमति मिल गई है।
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