बैंक अगले 10 दिनों में बदलने जा रहे हैं पैसों के लेनदेन से जुड़ा ये नियम, आपकी जेब पर भी पड़ेगा असर
नई दिल्ली। अगले 10 दिनों में यानी दिसंबर से कैश ट्रांसफर से जुड़े नियमों को बैंक बदलने जा रहा है। अब आरबीआई ने करोड़ों ग्राहकों के लिए एक बड़ा बदलाव किया है। आरबीआई ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) से संबंधित नियमों में परिवर्तन किया है। इस नए नियम के तहत अब आप 24 घंटे और 365 दिन रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) के माध्यम से पैसे ट्रांसफर कर पाएंगे।
24 घंटे सातों दिनों जारी रहेगी RTGS सुविधा
अक्तूबर में आरबीआई ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम को दिसंबर 2020 से 24 घंटे सातों दिन चालू रखने का ऐलान किया था। अब एक दिसंबर से नए नियम के तहत आप 24 घंटे और 365 दिन रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) के माध्यम से पैसे ट्रांसफर कर पाएंगे। फिलहाल, दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़ दें तो महीने के सभी वर्किंग डे पर आरटीजीएस सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक किया जा सकता है।
बड़े कारोबारियों को होगा फायदा
आरबीआई के इस फैसले से उन लोगों और कारोबारियों को फायदा होगा,जो बड़ा लेनदेन या फंड ट्रांसफर करते हैं। आरबीआई ने देश भर में डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है। कोरोना काल में डिजिटल बैंकिंग का उपयोग बढ़ गया है। आपको बता दें कि आरटीजीएस के तहत न्यूनतम ट्रांसफर अमाउंट दो लाख रुपये है। वहीं अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है।
क्या है आरटीजीएस सर्विस
आरटीजीएस को रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट भी कहा जाता है। इसके जरिए पैसे आसानी से ऑनलाइन ट्रांसफर किए जा सकते हैं। आरटीजीएस के जरिए जब आप लेनदेन करते हैं तो दूसरे खाते में तुरंत पैसा ट्रांसफर हो जाता है। बड़े व्यापारियों के लिए बड़े काम की चीज है। 2 लाख रुपये से कम अमाउंट इसके जरिए ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। इससे भी बड़ी बात यह है कि ट्रांसफर करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं देना होता है। छह जून 2019 को आरबीआई ने आम जनता को बड़ा तोहफा देते हुए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट और नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिए होने वाला लेनदेन निशुल्क कर दिया था।
इस कंडीशन में आरटीजीएस में देना होता है शुल्क
सुबह 8 से 11 बजे तक आरटीजीएस का कोई शुल्क नहीं है। सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक और 6 बजे के बाद 10 रुपये का शुल्क है। भारत के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्रों को विकसित करने और घरेलू, कॉरपोरेट संस्थानों को बड़े स्तर पर ऑनलाइन भुगतान की फ्लैक्सिबिटी उपलब्ध कराने के लिए यह फैसला लिया गया है।
जानें क्या है NEFT
आरटीजीएस की तरह ही ये भी एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट करने का आसान तरीका है। नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) के माध्यम से आप एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसों का लेनदेन सेकेंड भर में कर सकते है। इसके लिए आपके खाते में नेट बैंकिंग सुविधा चालू होनी चाहिए।बड़ी बात यह है कि इसमें पैसे ट्रांसफर करने के लिए किसी भी तरह का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता है, लेकिन ब्रांच से NEFT करने में चार्ज लगता है।
जानें क्या है IMPS
इमिडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) रियल टाइम के आधार पर पैसों का हस्तांतरण करने और फंड मंगाने में ये भी एक सरल और सुविधाजनक तरीका है। यह इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल की मदद से इंटर बैंक ट्रांजेक्शन की सुविधा देता है। इसके लिए ग्राहकों को बैंक को कोई शुल्क नहीं देना होता है। नेट बैंकिग में ऑनलाइन लेनेदेने का सबसे प्रचलित तरीका है। इसमें पैसे भेजने के लिए कोई मिनिमम लिमिट नहीं होती है
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