RBI ने रेपो रेट में 0.4 फीसदी की कमी की, रिवर्स रेपो रेट 3.35% हुआ, जानिए आपको कैसे मिलेगा फायदा
नई दिल्ली। कोरोना संकट के समय देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज बैंक रेट में बदलाव किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रेपो रेट में 0.4 फीसदी की कमी का ऐलान किया है। इसके साथ ही रेपो रेट 4.4 फीसदी से कम होकर 4 फीसदी हो गया है। वहीं रिवर्स रेपो रेट की दरों में भी कमी की गई है। रिवर्स रेपो रेट की दरों को 3.35 फीसदी कर दिया गया है।
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क्या होता है रेपो रेट
बता दें कि रेपो रेट वह दर होती है जिस दर पर अन्य बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से लोन लेते हैं। बैंक रिजर्व बैंक से जो पैसे लेते हैं उसी से लोगों को कर्ज देते हैं। रेपो रेट कम होने का मतलब होता है कि बैंक से जो कर्ज मिलता है वह सस्ता हो सकता है। ऐसे में आरबीआई के इस ऐलान से होम लोन, गाड़ियों का लोन आदि सस्ता हो सकता है।
क्या होता है रिवर्स रेपो रेट
वहीं रिवर्स रेपो रेट की बात करें तो यह रेपो रेट से ठीक उलट होता है. रिजर्व बैंक तमाम बैकों से जिस दर पर कर्ज लेते हैं उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं। इससे बैंक रिजर्व बैंक से ब्याज हासिल करते हैं। रिवर्स रेपो रेट को जब कम किया जाता है तो बाजार में पैसा बढ़ाने की कोशिश की जाती है, जबकि इसे बढ़ाने के पीछे की वजह होती है कि रिजर्व बैंक बाजार में कैश को कम कर सकता है।
क्या लाभ होगा
रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में जब भी कमी की जाती है तो इसका सीधा मतलब यह होता है कि बैंको को कम दाम पर कर्ज मुहैया कराया जाए ताकि बाजार में कैश का फ्लो बढ़े और लोगों की खरीदने की क्षमता को बढ़ाया जा सके। बैंकों को सस्ते दाम पर कर्ज मिलता है तो वह अधिक से अधिक लोगों को कर्ज बांटने की कोशिश करते हैं। बैंकों को रिजर्व बैंक में पैसे रखने से लाभ नहीं होता है क्योंकि रिजर्व बैंक ब्याज कम देता है। लिहाजा दोनों ही रेट में कमी से आम लोगों को सस्ते कर्ज आसानी से मिलते हैं और वह घर, गाड़ी आदि के लिए लोन ले सकते हैं।
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