आरबीआई का 2020-21 के लिए 6 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ 6 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी किया है। मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक के बाद आरबीआई ने गुरुवार को अपने फैसलों का ऐलान किया है। जिसमें आगामी वित्त वर्ष में विकास दर 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 5.15 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 5 प्रतिशत से 5.4 प्रतिशत किया गया है। खाने-पीने की वस्तुओं के रेट ज्यादा बढ़ने की वजह से दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 7.35% पर पहुंच गई। यह साढ़े पांच साल में सबसे ज्यादा है। आरबीआई नीतियां बनाते समय खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है।
आरबीआई मौद्रिक नीति बनाते समय खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। मध्यम अवधि में आरबीआई का लक्ष्य रहता है कि खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी पर रहे। इसमें 2 फीसदी की कमी या इजाफा हो सकता है। दिसंबर में ये 6 फीसदी की अधिकतम रेंज से भी ऊपर पहुंच गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है।
संसद में एक फरवरी को पेश किए गए बजट के बाद अब लोगों की नजरें मौद्रिक समीक्षा की बैठक के बाद आखिरी दिन ब्याज दरों का ऐलान पर थीं। हालांकि, ऐसे संकेत मिल रहे थे कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। इस वक्त देश की जीडीपी 6 साल के निचले स्तर पर है।
RBI ने दिया बड़ा झटका, ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं