RBI ने की रेपो रेट में कटौती, अब और कम हो जाएगी लोन की EMI
नई दिल्ली। धीमी पड़ रही देश की आर्थिक रफ्तार में जान फूंकने की कोशिश में मोदी सरकार जुटी है। हर तरफ सिर्फ इस बात की कवायद चल रही है कि किसी तरह देश की आर्थिक सेहत सुधारी जाए। इसी कड़ी में भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक हुई। बैठक में आरबीआई ने नीतिगत दर में लगातार चौथी बार 0.35 फीसदी की कटौती की है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई मौद्रिक नीति बैठक में यह फैसला लिया है। यह तीन दिवसीय बैठक आज समाप्त हुई है।
आरबीआई के इस फैसले के साथ ही रेपो रेट अब 5.75 फीसदी से घटकर 5.40 फीसदी पर आ गई है। इस बदलाव से अब होम लोन सहित दूसरे लोन के सस्ते होने का रास्ता खुल गया है। मुद्रास्फीति के आरबीआई के संतोषजनक स्तर पर होने, वाहन क्षेत्र में नरमी, बुनियादी ढांचा उद्योग में नाममात्र वृद्धि, मानसून को लेकर चिंता और शेयर बाजार में गिरावट को देखते हुए ये कटौती की गई है।
आपको बता दें कि रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक अपने कर्ज की जरूरतें पूरी करने के लिए केंद्रीय बैंक से पैसा उधार लेते हैं। इस बार मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती के पक्ष में मतदान किया। एमपीसी के छह सदस्य हैं। केंद्रीय बैंक ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में कमी की है।
रेपो रेट कम होते ही शेयर बाजार में गिरावट
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कमी करने का असर शेयर बाजार में भी देखा गया है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स रेपो रेट में कटौती की घोषणा होते ही करीब 100 अंक गिर गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 40 अंकों की कमी देखी गई।
लगातार तीन बार रेपो रेट में हो चुकी है कटौती
अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में बदलाव किया। यह लगातार चौथा मौका है जब RBI ने रेपो रेट में कटौती की है। इससे पहले फरवरी, अप्रैल और जून में आरबीआई ने रेपो रेट में कैंची चलाई थी। फिलहाल रेपो रेट 5.75 फीसदी है, जबकि रिवर्स रेपो रेट 5.50 फीसदी है।