चार अक्टूबर को ब्याज दरों में एक और कटौती कर सकता है RBI
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक चार अक्टूबर को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर को और घटा सकता है। वित्तीय सेवा कंपनी गोल्डमैन साक्स ने सोमवार को जारी अपनी एक रपट में यह अनुमान जताया है। भारतीय रिजर्व बैंक शुक्रवार को नीतिगत दरों में एक 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती कर रेपो रेट को 5.15 प्रतिशत पर ला सकता है। अगर ऐसा होता है तो ब्याज दरों में यह लगातार पांचवीं कटौती होगी।
गोल्डमैन साक्स द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती रहने, मुद्रास्फीति और वैश्विक आर्थिक वृद्धि में कमजोर रहने के बीच दुनियाभर के केंद्रीय बैंक नरम रुख अपना रहे हैं। हमें उम्मीद है कि चार अक्टूबर को रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर घटा सकता है। इसके बाद उसके दिसंबर में भी ब्याज दर घटाने का अनुमान है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली एमपीसी तीन दिन की बैठक के बाद चार अक्तूबर यानी शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करेगी।
वर्ष 2019 में केंद्रीय बैंक ने अपनी चारों मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर को घटाया है। बैंक की आगामी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा चार अक्टूबर को पेश होगी। गोल्डमैन के अनुसार दिसंबर तक ब्याज दरों में 0.5 प्रतिशत की और कटौती करने के बाद बैंक इस पर विराम लगा सकता है, क्योंकि तब भी मुख्य खुदरा मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत के दायरे में बने रहने की संभावना है।
रिजर्व बैंक अपना आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6 से 6.5 प्रतिशत के दायरे में रख सकता है।देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लगातार पांचवी तिमाही तक गिरकर पांच प्रतिशत पर आ गयी थी। यह पिछले छह साल से अधिक का निम्नतम स्तर है। इससे पहले अगस्त में हुई पिछली मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.35 प्रतिशत घटाकर 5.40 प्रतिशत कर दिया था।
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