रिजर्व बैंक ने SBI पर ठोका 1 करोड़ का जुर्माना, खाताधारकों पर पड़ेगा असर?
नई दिल्ला, 26 नवंबर। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट ऑफ इंडिया पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1 करोड़ की भारी भरकम पेनेल्टी लगाई है। बैंकिंग नियमों की अनदेखी के मामले में कार्रवाई करते हुए आरबीआई ने एसबीआई पर ये पेनेल्टी लगाई है, जिसके बाद अब लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बैंक पर लगी इस पेनेल्टी का असर खाताधारकों पर होगा? आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब एसबीआई पर इस तरह के जुर्माना लगाया हो। इसे पहले इसी साल अक्टूबर महीने में भी स्टटे बैंक ऑफ इंडिया पर बैंकिंग अधिनियमों के उल्लघंन मामले में पेनेल्टी लगाई गई थी।

SBI पर पेनेल्टी
आरबीआई ने बैंकिंग नियामिकी को पूरा नहीं करने पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर 1 करोड़ की पेनेल्टी लगाई है। 16 नवंबर को जारी अपने आदेश में आरबीआई ने लिखा है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 19 की उप-धारा (2) के उल्लंघन मामले पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। आरबीआई के मुताबिक यह जुर्माना अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और 51 (1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत लगाया गया है। आरबीआई की जांच में दोषी पाए जाने के बाद ये पेनेल्टी लगाई गई है। दरअसल RBI ने मार्च 2018 से 31 मार्च 2019 तक इसकी जांच की, जिसके बाद बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया कि आखिर उन पर पेनेल्टी क्यों न लगाया जाए । बैंक के जवाब ने नाखुश आरबीआई ने ये जुर्माना लगाया है ।

क्या होगा खाताधारकों पर असर?
आरबीआई द्वारा की गई इस कार्रवाई का सीधे तौर पर बैंक के ग्राहकों पर कोई असर नहीं होगा। ये जुर्माना बैंक पर बैंकिंग नियमों की अनदेखी के कारण लगाया गया है, जिसका सीधा असर ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा। खाताधारकों की जमापूंजी, उनका पैसा उनके बैंक खाते में पूरी तरह से सुरक्षित है। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है, जिसका असर बैंक की ओर से ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या ट्रांजैक्शन संबंधी समझौते आदि की वैधता पर असर नहीं होगा।

SBI ने नहीं लौटाए 164 करोड़, बैंक ने दी सफाई
हाल ही में आईआईटी बॉम्बे ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि एसबीआई ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के खाताधारकों से डिजिटल भुगतान के नाम पर 164 करोड़ रुपए के अनुचित शुल्क वसूले, जो अब तक नहीं लौटाए गए हैं। इस रिपोर्ट में साल 2017 से लेकर दिसंबर, 2019 के बीच के डिजिटल भुगतान का हवाला दिया गया, लेकिन अब इस पर बैंक ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि वो इस संबंध में सभी सरकार और संबंधित अथॉरिटी के निर्देशों का पालन कर रही है।
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