आरबीआई गवर्नर ने माना, नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर असर हुआ
नई दिल्ली। आर्थिक मामलों की संसदीय स्थायी समिति के सामने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने माना है कि नोटबंदी के चलते अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ा। हालांकि उन्होंने कहा कि ये बहुत लंबा नहीं चला और अब देश की इकॉनमी की ग्रोथ बढ़िया है। पटेल ने कहा कि क्रेडिट ग्रोथ 15 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल मंगलवार को संसदीय स्थायी समिति के सामने पेश हुए। समिति ने उनसे नोटबंदी तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में फंसे कर्ज (एनपीए), आरबीआई और सरकार में तनावपूर्ण संबंध और अर्थव्यवस्था की चुनौतियों को लेकर सवाल किए।
एक घंटे से ज्यादा समय तक रहे समिति के सामने
समित ने एक घंटे से अधिक समय तक पटेल से सवाल-जवाब किए। इस दौरान उर्जित पटेल ने केंद्र सरकार के बीच किसी विवादित मुद्दे को नहीं उठाया। अर्थव्यवस्था की स्थिति पर उन्होंने सवालों के जवाब दिए। उर्जित पटेल ने ज्यादातर विवादित सवालों का जवाब नहीं दिया। उन्होंने सांसदों को आश्वासन दिया कि वह अगले 10 से 15 दिनों के भीतर लिखित में इनका जवाब देंगे।
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बैंक के पास रिजर्व करेंसी मुश्किल समय के लिए
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने समिति से कहा कि केंद्रीय बैंक के पास करेंसी रिजर्व्स का अभी जो स्तर है, वह अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए कर्ज देने की क्षमता को बरकरार रखने के लिए जरूरी है। ये रिजर्व्स मुश्किल समय में प्रयोग करने के लिए हैं, ना कि सामान्य जरूरतों के लिए। पटेल ने कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और तेल के दाम के चार साल के उच्च स्तर से नीचे आने से और मजबूती मिलेगी।
कई सवालों के पटेल ने नहीं दिए जवाब
सांसद एम वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति के सामने उर्जित पटेल ने आरबीआई कानून की धारा 7 के उपयोग, फंसे कर्ज, केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता और कई दूसरे मुद्दों पर कुछ नहीं कहा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस समिति में हैं।
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