RBI ने जनता को दिया झटका, रेपो रेट बढ़ा, अब भरनी होगी ज्यादा EMI
नई दिल्ली, 4 मई: वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार, महंगाई और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव आदि पर बुधवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बयान जारी किया। आरबीआई गवर्नर ने आईएमएफ के हवाले से कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का असर दुनियाभर में फैल रहा है, जिससे निपटने के लिए वो जरूरी कदम उठा रहे हैं। इसके अलावा देश के सभी बैंकों में अब लोन महंगा हो जाएगा, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 40 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.40% कर दिया। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक एमपीसी ने सर्वसम्मति से इस पर फैसला लिया है।
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गवर्नर के मुताबिक आरबीआई और एमपीसी भारतीय अर्थव्यवस्था को मौजूदा भू-राजनीतिक संकट से निपटने में मदद कर रहे हैं। मार्च 2022 में हेडलाइन CPI मुद्रास्फीति में 7% की तेजी खाद्य मुद्रास्फीति से प्रेरित थी। इसके अलावा मार्च के महीने में 12 में से 9 खाद्य उपसमूहों में मुद्रास्फीति में वृद्धि दर्ज की। गवर्नर ने इस बात पर भी जोर दिया कि वैश्विक विकास गति खोता दिख रहा है। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अब तक के सभी 'तूफानों' से निपटने में कामयाब रही।
आरबीआई
ने
सभी
को
किया
हैरान
आपको
बता
दें
कि
रेपो
रेट
उसे
कहते
हैं,
जिस
रेट
पर
आरबीआई
कमर्शियल
बैंकों
या
दूसरे
बैंकों
को
लोन
देता
है।
जब
बैंकों
को
महंगा
लोन
मिलेगा,
तो
वो
जनता
की
ब्याज
दर
बढ़ा
देंगे।
ऐसे
में
लोगों
की
EMI
बढ़नी
तय
है।
वहीं
आरबीआई
के
इस
फैसले
ने
सभी
को
हैरान
कर
दिया।
उसका
ये
कदम
अमेरिकी
फेडरल
रिजर्व
बैंक
की
तरफ
से
ब्याज
दरों
में
बढ़ोतरी
किए
जाने
से
ठीक
पहले
आया
है।
मुंबई लोकल: महंगाई की आफत के बीच आई राहत की खबर, रेलवे ने 50% तक घटाय़ा AC ट्रेन का किराया
महंगाई
पर
कही
ये
बात
शक्तिकांत
दास
ने
कहा
कि
मार्च
2022
में
खुदरा
महंगाई
दर
तेजी
से
बढ़ी
और
7
फीसदी
पर
पहुंच
गई।
जब
खाने-पीने
की
चीजों
के
दाम
बढ़े
तो
खुदरा
महंगाई
तेजी
से
बढ़ी
है।
इसके
अलावा
यूक्रेन-रूस
के
युद्ध
ने
भी
इस
पर
प्रभाव
डाला
है,
क्योंकि
गेहूं
समेत
कई
अनाजों
के
दाम
बढ़
गए
हैं।